पटियाला : पंजाब सरकार के उच्च शिक्षा सचिव कमल किशोर यादव ने पंजाबी यूनिवर्सिटी में उप- कुलपति के तौर पर अपना पद संभालने के बाद यूनिवर्सिटी में विभिन्न वर्गों के साथ पूरा दिन हंगामी मीटिंग की तथा नीतिगत फैसले लिए। कमल किशोर यादव के यूनिवर्सिटी पहुंचने पर डीन अकादमिक मामले प्रो. अशोक तिवाड़ी की अगुवाई में यूनिवर्सिटी अधिकारियों की तरफ से उन का स्वागत किया गया।
पद संभालने उपरांत वाइस चांसलर के. के. यादव ने यूनिवर्सिटी के सीनियर अधिकारियों, अलग अलग फैकल्टियों के डीन और विभाग के प्रमुखों के साथ अलग-अलग मीटिंग करके यूनिवर्सिटी के कामकाज का जायजा लिया। इस दौरान यादव ने कहा कि पंजाबी यूनिवर्सिटी पंजाबी भाषा, सभ्याचार और विरासत को बढ़ावा देने के लिए बाखूबी काम कर रही है। इस कारण उनको यहां आ कर बहुत खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि वह इस कार्य को आगे ले जाने के लिए काम करेंगे। उन्होंने यूनिवर्सिटी और इसके साथ संबंधित कालेजों के अध्यापन और गैर अध्यापन अमले समेत अलग-अलग वर्गों से सहयोग की मांग की जिससे पंजाबी यूनिवर्सिटी के शैक्षिक समेत सभी कामों में सुधार लाया जा सके।
विभिन्न जत्थेबंदियों द्वारा भी वाइस चांसलर के साथ की मीटिंगः
वाइस चांसलर ने पंजाबी यूनिवर्सिटी अध्यापक संघ (पुटा) और गैर-अध्यापन संघ के प्रतिनिधियों के साथ भी बातचीत की। इन मीटिंगों दौरान उन्होंने सभी पक्षों के साथ संवाद रचाया और उनकी समस्याओं को सुना। इस मौके पुटा ने पुराने वी. सी. की शिकायतों की झड़ी भी लगा दी और यह भी बडा कारण रहा कि नए वी.सी. को पुराने वीसी के सभी आदेश रद्द करने पड़े। पंजाबी यूनिवर्सिटी में चल रही 54वीं पंजाब हिस्ट्री कान्फ्रेंस में भी उन्होंने हाजिरी लगवाई और इसकी सफलता की कामना की। इस मौके उनके साथ उच्च शिक्षा के डिप्टी डायरैक्टर डा. अश्वनी भल्ला भी मौजूद थे।
समूह अध्यापक खोज, गैर अध्यापन विभाग ब्रांचें, नेबरहुड कैंपों, डीन अकादमिक मामले, रजिस्ट्रार, वित्तीय अफसर, डायरैक्टर लोक संपर्क, डायरैक्टर ई. एम. आर. असी., कंट्रोलर परीक्षाएं, डीन विद्यार्थी भलाई, डीन रिसर्च, डीन कालेज विकास कौंसिल, डायरैक्टर कांस्टीच्यूट कालेजों को यह आदेश तुरंत प्रभाव के साथ जारी हुए हैं। सरकार के पास पुराने वी.सी. की तरफ से किए आदेशों की थीं शिकायतें: जानकारी अनुसार पंजाब सरकार के पास पुराने वाइस चांसलर की तरफ से पिछले समय में अपने मनमर्जी के साथ किए आदेशों की शिकायतें थी। यहां तक कि अध्यापक संघ तो सीधे तौर पर वाइस चांसलर की क्वालिफिकेशन को ही हाईकोर्ट में चैलेंज किया था। इसके बिना अध्यापक संघ और अन्य वर्गों ने दर्जनों शिकायतें पंजाब सरकार को की हुई थीं और पंजाबी यूनिवर्सिटी के नए वाइस चांसलर जो कि इसी विभाग के सैक्रेटरी हैं के पास भी कई शिकायतें पैडिंग चली आ रही थीं, जिस कारण उन्होंने आते ही ऐसे आदेशों को रद्द कर दिया।