मोदी जी के जालंधर आने से नया जोश आएगा भाजपा में

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जैसे जैसे चुनाव आगे बढ़ रहा है, वैसे वैसे जालंधर की राजनीति में सुशील रिंकू एक सशक्त चेहरा बन कर उभर रहे हैं। एक जोश के साथ वो लगातार प्रचार कर रहे हैं। तीन शहरी, छह गाँव बहुल वोटरों के साथ जालंधर की लोकसभा क्षेत्र सीट है। भाजपा की तीन विधानसभा क्षेत्र में अच्छी पकड़ लग रही है, लेकिन यह तीन हलका इंचार्ज आपस में उलझे हुए लग रहे। व्यक्तिगत रूप में कुछ तालमेल की कमी है। हालांकि पार्टी की तरफ से कोई कमी नहीं है, न पैसे की और न ही नेताओं के आने जाने की। कुछ लोग तो लग रहा जैसे व्यापार के रूप में पार्टी का अनावश्यक फायदा उठा रहे, यह भी कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा दभी जुबान से कहा जा रहा है कि एक नेता ने तो समान सप्लाई करने के लिए चुनाव में महत्वपूर्ण पद तक छोड़ दिया है। चूंकि पूछने वाला कोई नहीं, इसलिए बेतहाशा खर्च किया जा रहा है। 30-40% तक महंगी परचेज़ की जा रही है। कहने को तो भाजपा एक अनुशासित और सादगी भरे कैडर की पार्टी है, अब शायद यह धारणा बदल रही है।
हमारे आकलन से जालंधर चुनाव में लगभग 10.5 से 11 लाख तक वोट पोल हो सकती है। पांच सशक्त उम्मीदवार मैदान में हैं, जीतने के लिए कम से कम 2.70 लाख वोट चाहिए, अंकगणित में तो भाजपा अभी इससे काफी दूर लग रही है। आदमपुर, करतारपुर, नकोदर, शाहकोट और फिल्लौर इन पांच विधानसभा के क्षेत्रों में पिछले चुनाव में 30000 से भी कम वोट भाजपा को मिले थे। मंजिल अभी काफी दूर लग रही है, मोदी जी आ रहे हैं, करिश्माई नेता हैं, लोगों में उनके लिए बहुत सम्मान और क्रेज है। कार्यकर्ताओं में एक जोश तो आएगा। देखते हैं कि आने वाले समय में भाजपा जालंधर के वोटरों को अपनी तरफ कितना आकर्षित कर पाएगी।