मुख्तार अंसारी के बेटे-भतीजे के नाम जमीन करने के मामले में सामने आया पीड़ित परिवार, किया बड़ा खुलासा

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*Punjab: मुख्तार अंसारी के बेटे-भतीजे के नाम जमीन करने के मामले में सामने आया पीड़ित परिवार, किया बड़ा खुलासा*

पहले इस जमीन पर कृषि करने वाला परिवार वक्फ बोर्ड को जमीन की बनती लीज राशि नहीं दे रहा है, जिसके चलते इस संबंध में अदालत में भी केस चलता रहा। बाद में केस वक्फ बोर्ड के पक्ष में होने के बाद यह जमीन की लीज मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी तथा भतीजे उमर अंसारी के नाम हो गई।

यूपी के बाहुबली मुख्तार अंसारी को रोपड़ के गांव सनाणा में पंजाब वक्फ बोर्ड की जमीन लीज पर देने का मामला चर्चा में आ गया है। रंगदारी के आरोप में रोपड़ जेल में रहे मुख्तार अंसारी को पहले ही कांग्रेस सरकार के समय वीआईपी सुविधाएं देने के लिए आम आदमी पार्टी आरोप लगा रही है। अब पंजाब वक्फ बोर्ड की लगभग 20 एकड़ जमीन मुख्तार अंसारी के बेटे तथा भतीजे के नाम पर लीज करने की चर्चा मुख्यमंत्री भगवंत मान ने छेड़ दी है।

 

मुख्यमंत्री ने इस सबंध में कोई कार्रवाई करने की बात तो सीधे तौर पर नहीं कही पर इस जमीन पर पहले कृषि करने वाले परिवार का कहना है कि प्रशासन और पुलिस ने दबाव डाल कर उनसे इस जमीन का कब्जा मुख्तार अंसारी को दिलवाया है।

वक्फ बोर्ड ने कोर्ट में जीता था केस

गौरतलब है कि पहले इस जमीन पर कृषि करने वाला परिवार वक्फ बोर्ड को जमीन की बनती लीज राशि नहीं दे रहा है, जिसके चलते इस संबंध में अदालत में भी केस चलता रहा। बाद में केस वक्फ बोर्ड के पक्ष में होने के बाद यह जमीन की लीज मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी तथा भतीजे उमर अंसारी के नाम हो गई। अब इस पर सीएम भगवंत मान ने सवाल खड़े कर नई चर्चा छेड़ दी है।

1960 से कर रहे हैं खेती

जमीन पर खेती करने वाले परिवार के सदस्य जगतिंदर सिंह, जसपाल कौर, जसमेर सिंह, गुरदयाल सिंह, गुरचरन सिंह तथा कुलवंत सिंह ने कहा कि उनके परिवार का गुजारा इसी जमीन से चलता था और इस जमीन पर वह 1960 से कृषि करते आए हैं।

 

उन्होंने कहा कि इस बंजर जमीन को उनके बुजुर्गों ने आबाद कर कृषि योग्य बनाया, पर अब इस जमीन का कब्जा उनसे ले लिया गया। परिवार का कहना है कि प्रशासन व पुलिस ने उन पर दबाव डाल कर यह कब्जा लिया है। इस वजह से उनके परिवार के एक बुजुर्ग की मौत हो गई और दूसरा बुजुर्ग तनाव में है। इस परिवार ने मांग की है कि उन्हें इस जमीन का कब्जा दोबारा दिलवाया जाए। वह वक्फ बोर्ड को बनती जायज लीज राशि भी देने के लिए तैयार हैं।