सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने के फैसले को चुनौती देने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका केरल की एक महिला ने दायर की थी। अदालत ने याचिकाकर्ता को फटकार भी लगाई है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द होने के खिलाफ दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अदालत ने याचिकाकर्ता को फटकार भी लगाई है। अदालत ने याचिका को सुनने से ही मना कर दिया।
बता दें कि केरल की रहने वाली आभा मुरलीधरन ने राहुल गांधी के मामले का हवाला देते हुए यह याचिका दाखिल की थी। उन्होंने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी थी। इस पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा, आप कौन हैं? क्या आपकी सदस्यता रद्द हुई है?
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कर्नाटक के कोलार में मोदी सरनेम को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। राहुल गांधी के खिलाफ केस भी दर्ज हुआ था। सूरत की कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई है। इसकी वजह से उनकी संसद की सदस्यता रद्द कर दी गई है।
राहुल गांधी ने सूरत कोर्ट के फैसले को गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने सजा पर रोक लगाने की मांग की है। उधर, हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश सुरक्षित रखा है। जस्टिस हेमंत इस मामले में अवकाश के बाद फैसला सुनाएंगे। कोर्ट ने तब तक के लिए राहुल गांधी को कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया।
बता दें कि भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। सूरत की अदालत ने 23 मार्च को राहुल को सजा सुनाई थी। अदालत ने आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल की जेल की सजा सुनाई थी। कोलार में एक रैली में राहुल ने कहा था कि सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे हो सकता है?