अवैध कालोनियों का मामला, सवालों में घिरता जा रहा है नगर निगम

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जालंधर: पंजाब सरकार के खजाने से नगर निगम के अधिकारियों को भारी भरकम वेतन इस हेतु मिलता है ताकि वह अपनी जिम्मेदारियां का निर्वाह करें। जालंधर नगर निगम के बिल्डिंग विभाग पास यह जिम्मेदारी है कि वह शहर में हो रहे अवैध निर्माणों को सख्ती से रोकें और जहां अवैध कालोनियां कट रही हैं, वहां डिच मशीन से तुरंत कार्रवाई करें ताकि सरकारी खजाने को चूना लगाने वालों को सबक मिले। जालंधर नगर निगम की बात करें तो यहां बिल्डिंग विभाग के अधिकारी अपनी इस जिम्मेदारी से भाग रहे हैं और सारा दिन दफ्तरों में ही बैठकर टाइम पास कर रहे हैं। बिल्डिंग विभाग के संबंधित अधिकारी फील्ड में नहीं निकलते। इस कारण शहर में चारों ओर अवैध बिल्डिंगों की भरमार है।

मॉडल टाऊन जैसे पॉश क्षेत्र में आधा दर्जन के करीब बिल्डिंगें ऐसी हैं जिन्होंने अवैध रूप से एक-एक फ्लोर तक फालतू बना लिया है। निगम कमिश्नर की कोठी के निकट एक मल्टीस्टोरी कमर्शियल बिल्डिंग की बेसमैंट में एक्स्ट्रा कवरेज कर ली गई है जिस बाबत निगमाधिकारियों को सब पता है परंतु फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। इस प्रकार अवैध निर्माणों और अवैध कॉलोनियों पर कोई कार्रवाई न करके नगर निगम जालंधर के संबंधित अधिकारी सवालों में घिरते जा रहे हैं और साफ दिख रहा है कि कहीं न कहीं उनकी कॉलोनाइजरों या डीलरों इत्यादि से सैटिंग है।

परशुराम नगर, न्यू रतन नगर और अवतार नगर 13 नंबर गली में सरेआम कट रही अवैध कालोनियां

पंजाब सरकार ने राज्य में अवैध कॉलोनियों पर सख्ती से रोक लगा रखी है और अधिकारियों को निर्देश भी भेजे जा चुके हैं परंतु जालंधर निगम में मुख्यमंत्री के आदेशों पर कोई अमल नहीं हो रहा। जालंधर में ट्रांसपोर्ट नगर के निकट परशुराम नगर बसा हुआ है, जहां इन दिनों सरेआम अवैध कॉलोनी काटकर एक डीलर द्वारा छोटी-छोटी कोठियों का निर्माण किया जा रहा है। इस बाबत समाचार छपने के बावजूद भी संबंधित निगम अधिकारी द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा और न ही काम रोका जा रहा है।