पंजाब डेस्क : पंजाब पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए मोहाली में बड़े साइबर क्राइम रैकेट का पर्दाफाश किया है। पंजाब पुलिस की साइबर क्राइम डिवीजन ने 24 घंटों के दौरान मोहाली में 2 फर्जी कॉल सेंटरों का भंडाफोड़ करते हुए 155 को काबू कर लिया है। पंजाब पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रैंस दौरान वी. नीरजा, एडीजीपी स्टेट साइब्रक क्राइम ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि पंजाब पुलिस की साइबर क्राइम डिवीजन ने 2 फर्जी कॉल सेंटरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। कॉल सैंटरों में 150 से 200 कर्मचारी करते थे, जिनमें से ज्यादातर गुजराती हैं। पुलिस ने रेड करके इनमें से 155 कर्मचारियों को राउंडअप कर लिया गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में से 18 को पुलिस हिरासत में ले लिया गया और 137 को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
पंजाब पुलिस बताया कि इन कॉल सैटरों में विदेशों में बैठे लोगों से ठगी मारी जाती थी। ये लोगों से कस्टमर केयर बनकर सम्पर्क करते थे। इसके बाद ऑनलाइन लोन व ऑनलाइन शापिंग साइट्स के नाम ठगी करते थे। पहले ये लोगों को एक लिंक भेजते थे फिर उसे खोलने के लिए कहा जाता था जिसके लोगों से ठगी कर ली जाती थी। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने इनसे भारी संख्या में मोबाइल फोन सहित 79 कम्प्यूटर व 206 लैपटॉप बरामद किए गए हैं। पुलिस ने ये भी बताया कि फेज-7 और फेज-8बी से संचालित दोनों कॉल सैंटर दूसरे देशों में रहने वाले लोगों को कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक सामान के लिए रखरखाव सेवाएं प्रदान कर रही थीं और फिर उन्हें उनके बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर किया जा रहा था। पुलिस ने मोहाली के राज्य साइबर सेल थाने में मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल इस मामले में आगे की जांच जारी है।
अधिक मिली जानकारी के अनुसार उक्त कॉल सैंटर रात के समय में चलते थे और इस तरह की लोकेशन पर स्थापित किए गए थे कि किसी को भी इन पर संदेह नहीं हुआ। इन सैंटर में काम करने वाले कर्मचारियों को एक स्क्रिप भी दी हुई थी, जिसके तहत लोग पूरी तरह प्रोफेशनल तरीके से सारा काम करते थे। आरोपी ब्रोकर से अमेरिकी लोगों का डाटा लेते थे उसके बाद उसी डाटा के आधार पर उनके शिकार बनाते थे। इसके अलावा ग्राहकों को कम क्रेडिट स्कोर होने पर कम ब्याज पर लोन देने का झांसा देते थे। यही नहीं आरोपी ग्राहकों को कर्जे की उम्मीदर पर गिफ्ट कार्ड खरीदने के लिए भी कहते। ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों को आरोपी खुद को अमेजन व एप्पल प्रतिनिध बताकर कहते थे कि आपके पास जो आर्डर आया है उसमें अवैध सामान जिस के बारे में पुलिस को बता दिया जाएगा। इसके बाद उनसे भारी रकम वसूल ली जाती थी। इसी तरह कम्प्यूटर पर पॉपअप मैसेज भेजे जाते, जैसे कि आपके कम्प्यूटर से कोई छेड़छाड़ कर रहा आदि, इसके बाद लोगों को तुरन्त कॉल करने के लिए कहा जाता था। फिर एक लिंक भेजा जाता था जिसे डाउनलोड करने पर के बात एक एप्प इंस्टॉल होती है जिसके बाद स्क्रीन देखने के लिए कहा जता था। फिर देखते ही देखते लोगों के खातों से पैसे उड़ ट्रांसफर करवा लिए जाते थे।