लुधियाना (हितेश): कांग्रेस द्वारा लोकसभा चुनाव के लिए राजा वडिंग को लुधियाना से उम्मीदवार घोषित कर दिया गया है, जिसके बाद से बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या राजा वडिंग को पंजाब कॉंग्रेस की प्रधानगी छोड़नी होगी क्योंकि जब राजा वडिंग की पत्नी अमृता को बठिंडा को टिकट नहीं मिली तो यह बात कही गई थी कि पंजाब प्रधान होने के नाते सभी सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों के हक में चुनाव प्रचार के लिए जाना जरूरी है और अगर पत्नी को टिकट मिलती तो राजा वडिंग को ज्यादातर समय बठिंडा में देना पड़ता। अब कॉंग्रेस द्वारा खुद राजा वडिंग को लुधियाना से उम्मीदवार बना दिया गया है, जिसके चलते उन्हें पूरा समय लुधियाना में ही देना होगा और वह पंजाब के बाकी हिस्सों में पार्टी के उम्मीदवारों के हक में चुनाव प्रचार के लिए नहीं जा सकते हैं। इस दौर सवाल खड़ा हो रहा है कि कॉंग्रेस दुआरा लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब प्रधान की जिम्मेदारी कार्यकारी तोर पर किसी और बड़े नेता को दी जा सकती है।
प्रताप बाजवा दुआरा दी गई है बिट्टू के जीतने पर सियासत छोड़ने की चुनौती
लुधियाना के लोकसभा चुनाव से जुड़ा एक पहलू यह भी है कि कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा द्वारा भाजपा के उम्मीदवार बिट्टू के जीतने पर सियासत छोड़ने की चुनौती दी गई है। इस मुद्दे पर वह पिछले दिनों लुधियाना के पूर्व विधायकों व अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ चर्चा करके गए थे और बाजवा दुआरा ही लुधियाना से उम्मीदवार बनाने के लिए पार्टी के सामने एक के एक बाद करके बड़े चेहरों के नाम की सिफारिश करने की बात सामने आई है।जिसके लिए पंजाब कांग्रेस के इंचार्ज देवेंद्र यादव द्वारा स्क्रीनिंग व इलेक्शन कमेटी की बैठक के दौरान बाजवा के प्रस्ताव की मदद करने की बात भी सुनने को मिल रही है।
बठिंडा की बजाय लुधियाना में सुनाई देगी अमृता वडिंग की गूंज
राजा वडिंग पहले बठिंडा से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं और इस बार उन्होंने अपनी पत्नी अमृता वडिंग को आगे किया था, जो काफी देर से बठिंडा में सक्रिय रूप से काम कर रही थी और उनकी छवि अपनी बेबाक स्पीच के लिए जानी जाती है। हालांकि अमृता वडिंग को बठिंडा से टिकट नहीं मिली, लेकिन उनके पति राजा वडिंग को लुधियाना से कांग्रेस ने उम्मीदवार बना दिया है। जहां आने वाले दिनों के दौरान चुनाव प्रचार अभियान में अमृता वडिंग की गूंज सुनाई देगी। इससे पहले आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अशोक पराशर व अकाली दल के रंजीत ढिल्लों की पत्नी तो रूटीन में ही सियासी या धार्मिक गतिविधियों के दौरान शामिल होती हैं, लेकिन बिट्टू की पत्नी को चुनाव के दौरान ही वोट मांगने के लिए भेजा जाता है।