तेज गर्मी के बीच बढ़ा AC, फ्रिज का बाजार, इस साल बिके 1 करोड़ से ज्यादा एयर कंडीशनर

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नई दिल्लीः तेज गर्मी की वजह से पूरे देश में कूलिंग इक्युपमेंट की बिक्री बढ़ गई है। एयर कंडीशनर (AC) और रेफ्रिजरेटर की बिक्री में रिकॉर्ड उछाल आया है। इस साल करीब 1 करोड़ 10 लाख AC बिकने का अनुमान है। छोटे शहरों और गांवों से नए लोग इसे खरीद रहे हैं, साथ ही शहरों में पहले से मौजूद लोगों की मांग भी बढ़ रही है। विश्व ऊर्जा आउटलुक 2023 के अनुसार, 2010 के बाद से देश में एसी खरीदारी तीन गुना बढ़ गई है और अब हर 100 घरों में 24 एसी यूनिट हैं। इन उपकरणों की वजह से भारत की बिजली की मांग बढ़ रही है। घरों में कूलिंग इक्युपमेंटों के इस्तेमाल से शाम के समय बिजली की ज्यादा खपत होने लगी है, पहले सबसे ज्यादा खपत दफ्तर के समय होती थी।

चूंकि AC, फ्रिज अब जरूरत बन गए हैं, इसलिए पर्यावरण पर उनके प्रभाव को लेकर चिंता जताई जा रही है। पर्यावरण विशेषज्ञों ने बार-बार बताया है कि जैसे-जैसे ज्यादा कूलिंग इक्युपमेंट लगते हैं, वैसे-वैसे आसपास की गर्मी बढ़ती जाती है। हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (HFCs) कूलेंट में इस्तेमाल होने वाली मुख्य रासायनिक गैसें हैं, जो ओजोन परत को नुकसान पहुंचाती हैं, ये बात साबित हो चुकी है।

भारत में बिजली बचाने वाले उपकरणों को स्टार मिलते हैं जिसको लेकर जागरूकता फैलाई गई है। साथ ही भारत ने दुनिया के एक समझौते पर दस्तखत किए (मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल) हैं ताकि वो कम प्रदूषण करने वाली गैसों का इस्तेमाल करे लेकिन ज्यादा कूलिंग इक्युपमेंट चलाने से फिर भी वातावरण गर्म होगा।

बढ़ता हुआ कूलिंग इक्युपमेंट का बाजार

AC चलाने से देश में बिजली की खपत बहुत बढ़ रही है। अभी 10 फीसदी बिजली कूलिंग इक्युपमेंट चलाने में लगती है, जो कि 2019 के मुकाबले 21 फीसदी ज्यादा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2050 तक भारत में घरों में AC इस्तेमाल करने वालों की संख्या 9 गुना ज्यादा हो जाएगी। यानी बिजली की खपत भी 9 गुना बढ़ जाएगी।

अभी भारत में हर 100 घरों में से सिर्फ 8 घरों में ही AC है। मगर, यह संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। इस साल करीब 1 करोड़ 10 लाख AC बिकने का अनुमान है। एक कंपनी के डायरेक्टर के मुताबिक, ज्यादातर AC पहली बार खरीदे जा रहे हैं और इन्हें खरीदने वाले लोग छोटे शहरों या गांवों से हैं। इतनी तेजी से AC बिकने की वजह यह है कि लोग अब इन चीजों को अपना हक समझने लगे हैं।

पर, एक परेशानी ये है कि सस्ते AC ज्यादा बिजली लेते हैं और वातावरण के लिए भी नुकसानदेह होते हैं। जितने ज्यादा स्टार एक AC पर होंगे, उतना ही कम बिजली वो लेगा और वातावरण को कम नुकसान पहुंचाएगा।

एक सर्वे में पता चला कि अभी ज्यादातर कंपनियां HFC गैस का इस्तेमाल कर रही हैं। हालांकि कंपनियां पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाने वाली गैसों पर स्विच करना चाहती हैं, पर अभी कोई भी कंपनी HC या CO2 गैस का इस्तेमाल नहीं कर रही है। कुछ कंपनियां NH3 (अमोनिया) और पानी का इस्तेमाल कर रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अभी बाजार में पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाने वाले कूलिंग इक्युपमेंट बहुत कम हैं।

भारत अभी कूलिंग इक्युपमेंट गैसों को बदलने की प्रक्रिया के तीसरे चरण में है। पहले इस्तेमाल होने वाली CFC गैस को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। HCFC गैस को भारत में 2030 तक बंद कर दिया जाएगा। साथ ही, ओजोन को नुकसान पहुंचाने वाली पर वातावरण को गर्म करने वाली HFC गैस को भी धीरे-धीरे कम किया जाएगा।