पंजाब के Main Highway पर लगा पक्का धरना, घर से निकलने से पहले पढ़ें ये खबर

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समराला  :  मुशकाबाद, खिरनियां और टपरिया गांवों के निवासियों ने पास के गांव मुशकाबाद में स्थापित किए जा रहे बायोगैस प्लांट के खिलाफ अपना संघर्ष तेज कर दिया है।  इन तीन गांवों के संघर्ष में आसपास के कई गांव भी शामिल हो गए हैं।  इन तीनों गांव के लोगों ने कुछ दिन पहले  ‘साडे घर ते साडे पिंड विकाऊ के पोस्टर लगाए हैं। हालाँकि, इन गाँवों के लोग इस फैक्ट्री के खिलाफ दो साल से लगातार संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अब कोई समाधान न देखकर गाँव के लोग ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में खाना और अन्य राशन भरकर लुधियाना-चंडीगढ़ हाईवे पर ले आए और  धरने पर बैठ गए।  इन गांवों की पंचायतों ने भी ऐलान किया है कि फैक्ट्री को बंद करने की मांग को लेकर वे पहले भी कई बार धरना दे चुके हैं, लेकिन अब यह धरना तभी उठाया जाएगा, जब फैक्ट्री पर स्थायी तौर पर ताला लग जाएगा।

ग्रामीणों का कहना है कि इस प्लांट से इलाके में बीमारियां फैलेंगी और प्रदूषण काफी बढ़ जाएगा।इससे उनका जीवन कठिन हो जाएगा। इस विरोध प्रदर्शन में किसान और राजनीतिक नेता भी शामिल हुए।यहां तक ​​कि आम आदमी पार्टी के नेता भी शामिल हुए.। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इस प्लांट के बनने से उनके इलाके में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाएगा।जबकि पहले तो इनका पूरा क्षेत्र ग्रीन जोन में है। प्लांट से सभी गांवों का पानी प्रदूषित हो जाएगा और बीमारियां फैलने का डर रहेगा। कुछ दूरी पर रिहायशी इलाका होने के कारण गैस रिसाव से बड़ा हादसा हो सकता है। इस कारण वे किसी भी कीमत पर प्लांट नहीं बनने देंगे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार को प्रगति करनी है तो औद्योगिक क्षेत्र में ऐसे प्लांट लगाने चाहिए। बचे हुए उद्योगों को चालू किया जाए, यह लोगों को मारने की नीति है।’ लोगों ने कहा कि मुख्य राजमार्ग को स्थायी रूप से अवरुद्ध कर दिया गया है और इसे तभी खोला जाएगा जब प्लांट को पूरी तरह से बंद कर स्थानांतरित किया जाएगा। इस धरने में पूर्व विधायक जगजीवन सिंह खिरनियां हलका समराला के विधायक जगतार सिंह दयालपुरा की टीम के साथ मौके पर पहुंचे, जिन्होंने  आश्वासन दिया कि यह फैक्ट्री किसी भी हालत में नहीं चलेगी।

इस मौके पर मुस्काबाद गांव के सरपंच मालविंदर सिंह लवली ने कहा कि गांव की पंचायत करीब 2 साल से हमारे गांव में बायोगैस फैक्ट्री लगाने का विरोध कर रही है। कई बार प्रशासन से बात की, लेकिन अधिकारी उन्हें झूठा आश्वासन देते रहे और इनडोर फैक्ट्री का काम आगे बढ़ता रहा। लेकिन अब लोग किसी के भरोसे नहीं मानेंगे और फैक्ट्री बंद करके ही  धरने से उठेंगे।