हड़ताल 10 जुलाई तक स्थगित, ट्रांसपोर्ट विभाग के प्रमुख सेक्रेटरी से यूनियन की हुई मीटिंग में फिर मिला आश्वासन

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पंजाब रोडवेज पनबस व पीआरटीसी की तरफ से मंगलवार को हड़ताल शुरू की गई जो शाम 5 बजे चंडीगढ़ में मीटिंग के बाद स्थगित कर दी गई। मंगलवार को हुई हड़ताल से यहां विभाग को लाखों रुपए के रेवन्यू का लॉस हुआ और करीब 1100 से ज्यादा बसों का चक्का जाम रहा। पंजाब के सभी रोडवेज और पीआरटीसी के डिपो में यूनियन ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। वहीं यूनियन की पैनल मीटिंग ट्रांसपोर्ट विभाग के प्रमुख सेक्रेटरी दिलराज सिंह संधावालिया व पनबस और पीआरटीसी के उच्च अधिकारियों के साथ चंडीगढ़ मिन्नी सेक्रेटेरिएट में हुई। जिसमें यूनियन की तरफ से पूरे जोरशोर से अपनी मांगों को अधिकारियों के समक्ष रखा।

इस दौरान पहले चरण की मीटिंग में कोई समाधान नहीं निकला जिसके बाद दोबारा 2 बजे यूनियन के साथ अधिकारियों ने मीटिंग की। इस दौरान सेलरी में 5 फीसदी बढ़ौतरी, साल 2014 की कंडीशन में सोध, सभ्रवाल की रिपोर्ट ऑन रुट वर्करों की सर्विस रूल संबंधित व ब्लैक लिस्ट हुए वर्करों को एक बार मौका देना और लिखित प्रोसीडिंग सहित 400 रुपए चोरी व 10 लीटर डीजल चोरी के मामलों में डायरेक्टर स्टेट ट्रांसपोर्ट के स्तर पर मामले का समाधान सहित अन्य कई मांगें जिसमें ठेकेदार को बाहर करना, पीआरटीसी में किलोमीटर स्कीम बसों को शामिल ना करना, पनबस में कांट्रेक्ट भर्ती बंद कर सीधी भर्ती शुरू करना, पंजाब रोडवेज में नई बसों को शामिल करना और अलग-अलग रुट के टाइम टेबलों को दुरुस्त करना, स्पेशल बसों को रोकना इसके अलावा अन्य कई मांगों को लेकर 10 जुलाई तक का समय दिया गया है।

हड़ताल से प्राइवेट बस ऑपरेटरों का रहा फायदा
सूबा प्रधान रेशम सिंह ने कहा कि 10 जुलाई तक यूनियन की तरफ से हड़ताल को स्थगित कर दिया गया है और अगर 10 जुलाई तक हमारी मांगों पर सरकार ने कोई समाधान नहीं किया तो दोबारा से इस प्रोटेस्ट को शुरू किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी पंजाब सरकार और विभाग के अधिकारियों की होगी। इस मौके पर जनरल सेक्रेटरी शमशेर सिंह ढिल्लों, सीनियर मीत प्रधान बलजीत सिंह, ज्वाइंट सेक्रेटरी जगतार सिंह, कैशियर बलजिंदर सिंह, रमनदीप सिंह व अन्य 27 डिपो के पदाधिकारी मौजूद रहे।

वहीं इस हड़ताल के चलते जालंधर डिपो-1 व डिपो-2 में भी 100 से ज्यादा बसों का चक्का जाम रहा। इस हड़ताल से यहां प्राइवेट बस ऑपरेटरों को पूरा फायदा मिला वहीं महिलाओं को भी फ्री सफर के लिए बसों का इंतजार करना पड़ा और प्राइवेट बसों में ही सफर करते हुए महिलाएं अपनी मंजिल तक पहुंची। बस स्टैंड में बसें लेने के लिए यात्रियों की भारी भीड़ मौजूद रही।