पंजाब में ट्रैफिक लाइटों पर लोगों को तंग करने वाले भिखारियों के खिलाफ बड़ा एक्शन, ह्यूमन राइट्स कमीशन ने दिए ये आदेश, पढ़ें

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चंडीगढ़, : ह्यूमन राइट्स कमीशन ने पंजाब के सामाजिक सुरक्षा एवं बाल कल्याण विभाग के सचिव को राज्य में बढ़ते बैगिंग रैकेट  पर नकेल कसने के लिए कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. बठिंडा के वकील वरुण बंसल ने मानवाधिकार आयोग में एक जनहित शिकायत दायर की थी जिसमें उन्होंने मुद्दा उठाया था कि हर दिन ट्रैफिक लाइटों पर छोटे बच्चों को हाथों में पानी की बोतलें और वाइपर लेकर गुजरने वाले वाहनों की खिड़कियां साफ करने के लिए मजबूर किया जाता है। वे इसमें शामिल हो जाते हैं और फिर अवांछित सेवाओं के बदले में उनसे पैसे की मांग करते हैं।

उन्होंने आयोग को बताया कि जब कोई उन्हें पैसे देने से इनकार करता है, तो वे कार की खिड़की पर मुक्का मारते हैं और गाली-गलौज करने लगते हैं। इस दौरान शीशा धुंधला हो जाता है। जब ट्रैफिक लाइट हरी हो जाती है तो धुंधले शीशे के कारण दुर्घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने आयोग को बताया कि ट्रैफिक पुलिस मौके पर खड़ी रहती है और कोई कार्रवाई नहीं करती. उन्होंने कहा कि कोई नहीं जानता कि ये बच्चे कहां से आते हैं और कहां चले जाते हैं।

उन्होंने कहा कि मामले का गंभीर पहलू यह है कि प्रशासन ने कभी यह जानने की कोशिश भी नहीं की कि इन छोटे बच्चों को ऐसा करने के लिए कौन मजबूर कर रहा है। यह भी संभव है कि इन बच्चों का अपहरण कर उन्हें भीख मांगने के लिए मजबूर किया गया हो। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है, जो चिंता का विषय है। वकील वरुण बंसल ने यह भी तर्क दिया कि पंजाब सरकार द्वारा छोटे बच्चों के लिए शिक्षा बिल्कुल मुफ्त है लेकिन इन बच्चों को भी शिक्षा से वंचित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार की इस लापरवाही के कारण पंजाब का सुनहरा भविष्य गलत दिशा में जा रहा है, जो मानव जीवन के लिए हानिकारक है। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में भी इन बढ़ते भिक्षावृत्ति गिरोहों को रोकने और छोटे बच्चों को इस दलदल से बाहर निकालने की जिम्मेदारी सरकार की तय की गई है। पंजाब मानवाधिकार आयोग ने एडवोकेट वरुण बंसल की शिकायत पर सहमति जताते हुए पंजाब के सामाजिक सुरक्षा एवं बाल कल्याण विभाग के सचिव को इस मामले पर गंभीरता से कार्रवाई करने के सख्त निर्देश दिए हैं।