नई दिल्लीः म्यूचुअल फंड उद्योग ने चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2024-25) के पहले दो महीनों (अप्रैल-मई) में 81 लाख से अधिक निवेशक खाते जोड़े हैं। इसका मुख्य कारण लगातार विपणन प्रयास, सेलिब्रिटी से प्रचार और वितरण नेटवर्क का समर्पित कार्य है। स्टॉक ट्रेडिंग मंच ट्रेडजिनी के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) त्रिवेश डी ने कहा कि इसके अलावा सावधि जमाओं (एफडी) के बारे में बदलती धारणाएं तथा आय के स्तर में वृद्धि और वित्तीय बाजारों तक पहुंच ने भी नए निवेशकों की संख्या में वृद्धि में योगदान दिया है।
सावधि जमा योजनाएं अब म्यूचुअल फंड की तुलना में प्रतिस्पर्धी प्रतिफल नहीं देती हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही म्यूचुअल फंड के लिए संभावनाएं मजबूत बनी हुई हैं, जिसे शेयर बाजार में चल रही तेजी, ठोस जोखिम प्रबंधन प्रथाओं, निरंतर निवेशक शिक्षा और लगातार विपणन प्रयासों से समर्थन मिल रहा है। विशेषज्ञों ने कहा कि इसके अलावा, उद्योग में अच्छी वृद्धि जारी रहेगी क्योंकि बचतकर्ता अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए धन सृजन हेतु वैकल्पिक रास्ते तलाश रहे हैं।
पीजीआईएम इंडिया म्यूचुअल फंड के सीबीओ अभिषेक तिवारी ने कहा, ‘‘जैसे-जैसे भारत की प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगी, निवेशक ऐसे परिसंपत्ति वर्गों में पैसा बचाना चाहेंगे, जिनमें मुद्रास्फीति को मात देने और संपत्ति बनाने की क्षमता है। जैसे-जैसे म्यूचुअल फंड की पहुंच बढ़ेगी, यह उद्योग स्तर पर उच्च फोलियो आधार में तब्दील हो जाएगा।” एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार, उद्योग के म्यूचुअल फंड फोलियो की संख्या मई के अंत में 18.6 करोड़ थी, जो मार्च के अंत में दर्ज 17.78 करोड़ से 4.6 प्रतिशत या 81 लाख अधिक है। फोलियो व्यक्तिगत निवेशक खातों को दी जाने वाली संख्या होती है। एक निवेशक के कई फोलियो हो सकते हैं।