पंजाब के बिजली उपभोक्ता जरा ध्यान दें, कहीं आपके साथ तो नहीं हुआ ऐसा..

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जालंधर: पंजाब सरकार द्वारा बिजली उपभोक्ताओं को 2 महीने में 600 यूनिट मुफ्त बिजली मुहैया करवाई जा रही है व इस स्कीम के तहत 600 यूनिट से अधिक की खपत होने पर पूरा बिल बनाने का नियम है। वहीं, इन नियमों के विपरीत 600 यूनिट से कम खपत करने वाले उपभोक्ताओं को भी पूरा बिल बना कर भेजा जा रहा है जिससे उपभोक्ताओं में रोष व्याप्त है।

घटनाक्रम के मुताबिक विभाग द्वारा 2 माह से पहले बिल बनाया गया जिसके कारण उपभोक्ता को मुफ्त बिजली स्कीम का लाभ नहीं मिल पाया। उपभोक्ता का कहना है कि यदि विभाग द्वारा 2 माह पूरे होने पर बिल बनाया जाता तो वह इस स्कीम का लाभ लेने के लिए योग्य था लेकिन समय से पहले बिल बनाने के कारण उसे 600 यूनिट का लाभ नहीं मिल पाया। मामला जालंधर सर्कल की मॉडल टाऊन डिवीजन के अंतर्गत आते ग्रीन एवेन्यू से संबंधित है। उपभोक्ता राजिंद्र कौर का घरेलू कनैक्शन 3001532683 अकाऊंट नम्बर से चल रहा है। विभाग द्वारा 11 सितम्बर को उपभोक्ता का बिल बनाया गया है, जिसके मुताबिक 56 दिनों के बिल पीरियड में 582 यूनिट की खपत दिखाई गई है।

सीनियर सिटीजन सतपाल सिंह ने बताया कि राजिंद्र कौर के नाम पर उनके घर का कनैक्शन चल रहा है। इसमें विभाग ने 56 दिनों में 582 यूनिट का 3070 रुपए का बिल बना दिया है व उन्हें 600 यूनिट मुफ्त बिजली स्कीम का लाभ नहीं दिया गया है। सतपाल सिंह ने मीटर रीडर से जब इस संबंध में पूछा तो उन्हें बताया गया कि विभागीय नियमों के मुताबिक 56 दिनों में 560 यूनिट तक की खपत मुफ्त स्कीम के अंतर्गत आती है। उपभोक्ता यदि 560 से ऊपर की खपत करता है तो वह 600 यूनिट स्कीम के लिए योग्य नहीं है, उसे पूरे बिल की अदायगी करनी होगी। सतपाल सिंह ने कहा कि वह समय-समय पर अपना मीटर देखते रहते हैं। रीडिंग के मुताबिक 2 माह पूरे होने में 4 दिन शेष थे व उनकी 18 यूनिट शेष रहती थीं। विभाग ने इससे पहले ही बिल बना दिया व उन्हें 600 यूनिट की स्कीम के लाभ से वंचित कर दिया। उपभोक्ता ने कहा कि विभाग द्वारा अपनाई जाने वाली नीति गलत है क्योंकि उनके जैसे कई उपभोक्ता मीटर पर यूनिट देख कर खपत करते हैं। विभागीय अधिकारियों से मांग रखते हुए उन्होंने कहा कि उनके बिल को ठीक करवाकर पंजाब सरकार द्वारा दी जा रही मुफ्त बिजली का लाभ दिया जाए।

स्मार्ट मीटर के जरिए बनता है पूरे महीना का बिल : एक्सियन दविंदर
मॉडल 
टाऊन के एक्सियन दविंदर सिंह ने कहा कि बिल बनते वक्त कुछ दिन ऊपर-नीचे होना स्वाभाविक है क्योंकि प्रत्येक इलाके में कई हजार मीटर होते हैं जिनकी रीडिंग लेते वक्त कुछ दिनों का समय लग जाता है। विभाग द्वारा निर्धारित किए गए सिस्टम के मुताबिक प्रतिदिन 10 यूनिट का आंकड़ा उठाया जाता है। जो उपभोक्ता पूरे 2 महीने का बिल चाहते हैं वे नि:शुल्क स्मार्ट मीटर लगवा सकते हैं। स्मार्ट मीटरों में पूरे महीने का बिल बनता है व बिल बनने में एक दिन का भी फर्क नहीं पड़ता।