चैतन्य गौड़ीय मठ मंदिर में मूर्तियां तैयार कर रहे बिहार के कलाकार, भक्तों को होंगे कान्हा की बाल लीलाओं के दर्शन

Chaitanya-Gaudiya-Math-Temple

187
0

बठिंडा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर शहर के मंदिरों में तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। बसंत विहार में स्थित मंदिर गौड़ीय मठ मंदिर में इसके लिए विशेष तैयारियां चल रहीं हैं। मंदिर को भव्य तरीके से सजाया जा रहा है। यहां पर मूर्तियों के माध्यम से श्रीकृष्ण बाल लीलाओं को भव्य तरीके से दर्शाया जाएगा। बिहार से आए कलाकार इन मूर्तियों को भव्य रूप देने में जुटे हुए हैं।

मंदिर प्रबंधन कमेटी के सदस्य शाम सुंदर ने बताया कि मूर्ति बनाने का काम करीब 20 दिन पहले से ही शुरू हो गया था। ये मूर्तियां मिट्टी और लकड़ी के खाके से तैयार की गई हैं। मंदिर में 7 सितंबर को सुबह 10 से शाम 6 बजे तक श्री मद्भागवत गीता का पाठ होगा। उसके बाद ठाकुर जी की आरती, फिर 8 से 11 बजे तक श्री हरिनाम संकीर्तन होगा। 12 बजे भगवान श्री कृष्ण का पंचामृत से महाभिषेक किया जाएगा। 5 सितंबर दिन मंगलवार को शाम 3.30 बजे से श्री श्री राधावल्लभ जी की विशाल रथयात्रा निकाली जाएगी। रथयात्रा श्री चैतन्य गौड़ीय मठ से शुरू होकर शहर के मुख्य बाजारों से होते हुए मठ में संपन्न होगी। रथयात्रा का मुख्य आकर्षण रथ एवं अलौकिक श्रृंगार होगा।

शहर के अन्य मंदिरों में भी तैयारियां चल रहीं हैं। मेहना चौक में स्थित प्राचीन शिव मंदिर, महावीर दल अस्पताल स्थित श्री हनुमान मंदिर, अमरीक सिंह रोड स्थित माता अन्नपूर्णा मंदिर, पोस्ट आफिस बाजार स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर, मॉडल टाउन श्री दुर्गा माता मंदिर, शक्ति नगर स्थित शक्ति मंदिर, गोल डिग्गी नजदीक स्थित हाथी वाला मंदिर, संतोषी माता मंदिर को सजाया जा रहा है। श्री कृपालु कुंज ग्रीन सिटी में श्री जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में शाम 4 से 6 बजे तक सुश्री भुवनेश्वरी देवी द्वारा प्रवचन तथा रात्रि9.30 से 12.30 बजे तक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। श्री महावीर संकीर्तन मंडल के अध्यक्ष सुरिंदर वैद्य ने बताया कि पोस्ट ऑफिस बाजार स्थित प्राचीन श्री हनुमान मंदिर में 7 सितंबर को रात 9 से 11 बजे तक श्री हनुमान संकीर्तन होगा। श्री सनातन धर्म सभा की ओर से 7 सितंबर को हाथी वाला मंदिर, शिव चौक स्थित प्राचीन श्री शिव मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव मनाया जाएगा। स्कूली बच्चों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम, गौमाता की अमृतधारा एवं चरणामृत लोगों के आकर्षण का केंद्र रहेगा।