पंजाब डेस्कः लोकसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है। देश में इस बार 7 चरणों में वोटिंग कराई जाएगी। चुनाव के 7वें और अंतिम चरण में पंजाब में 1 जून को वोटिंग जबकि मतगणना 4 जून को होगी, जिसको लेकर हर पार्टी ने अपनी ताकत झोकी हुई है। इसी बीच पंजाब की जिला जालंधर सीट काफी अहम मानी जा रही है।
जी हां, जालंधर कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है। लेकिन पिछले साल के उप चुनावों में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सुशील कुमार रिंकू जो अब भाजपा में है, ने जीत दर्ज कर कांग्रेस को हिला दिया था। मगर तब पूर्व सांसद संतोख सिंह चौधरी की पत्नी कर्मजीत कौर चौधरी ने चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गई थे। पर इस बार पंजाब के पूर्व सी.एम. चरणजीत सिंह चन्नी के कांग्रेस से जालंधर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने की चर्चाएं तेज है, जिस पर चौधरी परिवार की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। स्व.सतोख सिंह चौधरी के बेटे व फिल्लौर हलके से विधायक विक्रमजीत सिंह चौधरी ने चन्नी को बाहरी व्यक्ति करार दिया है। दरअसल, गत दिवस चन्नी के जन्मदिन पर आदमपुर से विधायक सुखविंदर सिंह कोटली द्वारा उनका केक कटवाया गया।
|
केक पर “साड्डा चन्नी जालंधर” लिखा हुआ था, जिस पर विक्रम ने कहा कि मेरी तरफ से चन्नी साहिब को जन्मदिन की बधाई, लेकिन केक पर “जालंधर” लिखवा देने से पार्टी टिकट नहीं दे रही। उन्होंने कहा कि जालंधर में कांग्रेसी लीडरों की कमी नहीं है, मेरे पिता कांग्रेस के लिए शहीद हुए है। चन्नी पर बरसते चौधरी ने कहा कि, “चन्नी साहिब पहले 2 हलकों से अपनी जमानत नहीं बचा पाए, अब जालंधर में ट्रायल करना चाहते है। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं चमकौर साहिब की जनता से अपील करूंगा कि वहां पर चन्नी का केट कटवाएं। चौधरी ने कहा कि चन्नी साहिब जालंधर के लोग आपके बकरी के दूध निकालने, पंचर बना लेने, पतंग उड़ाने से प्रभावित नहीं होंगे, ऐसी बातों का यहां कोई फायदा नहीं है। वहीं विक्रमजीत ने कहा कि परिवार ने कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को जानकारी दे दी है और उम्मीद है कि पार्टी एक बार फिर उन पर भरोसा करेगी। बता दें कि जालंधर लोकसभा सीट रिजर्व है और यहां दलित क्मयूनिटी सबसे ज्यादा है। ऐसे में कांग्रेस की तरफ से इस सीट को किसी दलित को मैदान में उतारना है, तो चन्नी भी दलित समुदाय से ताल्लुक रखते है।