Chandigarh: 32 वर्षों से एक ही केमिस्ट शाप के मालिक को एक्सटेंशन, विजिलेंस ने अफसरों से शुरू की पूछताछ

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जीएमएसएच-16 की केमिस्ट शाप नंबर-6 के खिलाफ यूटी विजिलेंस ने बीते मई के पहले हफ्ते में केस दर्ज किया था। मामले में यूटी विजिलेंस ने केस दर्ज किया था। विजिलेंस ने इस मामले में अस्पताल के अधिकारियों से पूछताछ शुरू कर दी है।

चंडीगढ़, : जीएमएसएच-16 की केमिस्ट शाप नंबर-6 के खिलाफ यूटी विजिलेंस ने बीते मई के पहले हफ्ते में केस दर्ज किया था। चीफ विजिलेंस आफिसर धर्मपाल की मंजूरी के बाद केमिस्ट शाप नंबर-6 मामले में यूटी विजिलेंस ने आइपीसी की धारा-406,419,420 और 120 बी के तहत केस दर्ज किया था। विजिलेंस ने इस मामले में अस्पताल के अधिकारियों से पूछताछ शुरू कर दी है।

बताया जा रहा है कि विजिलेंस ने अस्पताल की अलाटमेंट ब्रांच और मेडिकल सुपरिंटेंडेंट से इस मामले में पूछताछ की है। बता दें केमिस्ट की अलाटमेंट और उसे बार-बार एक्सटेंशन दिए जाने के मामले में प्रीवेंशन आफ करप्शन एक्ट की धारा 13बी और के तहत केस दर्ज किया है।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और केमिस्ट को बार-बार एक्सटेंशन दिए जाने का इस खेल का इस बात से पता लगता है कि विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों ने मिलकर वह फाइल ही गायब कर दी, जिस फाइल पर आखिरी बार वर्ष 2019 में केमिस्ट शाप नंबर-6 के संचालक को अगले पांच साल के लिए एक्सटेंशन दी गई थी।

एक्स्टेंशन दिए जाने की फाइल पर किन अधिकारियों व कर्मचारियों के हस्ताक्षर थे और किसके कहने पर केमिस्ट संचालक को एक्सटेंशन दी गई, उन सबको बचाने के लिए विभाग के ही कुछ अधिकारियों ने फाइल गायब कर दी। यही कारण है कि चीफ विजिलेंस आफिसर एवं एडवाइजर धर्मपाल ने अब इस मामले की जांच विजिलेंस को सौंपते हुए एफआइआर दर्ज कराई है।

अब यूटी विजिलेंस स्वास्थ्य विभाग के उन अधिकारियों और केमिस्ट संचालक की भूमिका की जांच कर रही है, आखिर कैसे पिछले 32 साल से नियमों को ताक पर रखकर और किसकी शह पर यह केमिस्ट एक ही व्यक्ति को बार-बार एक्सटेंशन पर दी जाती रही। विजिलेंस इस मामले में केमिस्ट अलाटमेंट ब्रांच, टेंडर जारी करने वाले ब्रांच, पूर्व निदेशक, स्वास्थ्य अधीक्षक और केमिस्ट संचालक से पूछताछ कर बयान दर्ज करेगी।