पंजाब विधानसभा में श्री हरिमंदिर साहिब से गुरबाणी के निश्शुल्क प्रसारण के लिए गुरुद्वारा एक्ट में संशोधन बिल लाने व अन्य मुद्दों पर मुख्यमंत्री भगवंत मान श्री अकाल तख्त साहिब व एसजीपीसी के निशाने पर हैं। अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार का पदभार संभालते ही ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि पंथ के मुद्दों पर पांच सिंह साहिबान की बैठक जल्द होगी जिसमें सीएम से जवाब-तलब करने पर विचार होगा।
अमृतसर, : पंजाब विधानसभा में श्री हरिमंदिर साहिब से गुरबाणी के निश्शुल्क प्रसारण के लिए गुरुद्वारा एक्ट में संशोधन बिल लाने व अन्य मुद्दों पर मुख्यमंत्री भगवंत मान श्री अकाल तख्त साहिब व एसजीपीसी के निशाने पर हैं।
गुरुवार को श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार का पदभार संभालते ही ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि पंथ के मुद्दों पर पांच सिंह साहिबान की बैठक जल्द होगी, जिसमें सीएम से जवाब-तलब करने पर विचार होगा।
वहीं, गुरुद्वारा एक्ट में संशोधन के विरोध में एसजीपीसी प्रधान हरजिंदर सिंह धामी राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मिले और इसे रद करने की मांग की।जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि भगवंत मान ने विधानसभा में गुरुद्वारा एक्ट में संशोधन व शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल की दाढ़ी का मजाक उड़ाया है। इस मामले में उनसे जवाब तलब की जा सकती है।
जत्थेदार ने मान को पतित सिख करार देते हुए कहा कि उनको श्री अकाल तख्त पर तलब नहीं किया जा सकता है। पत्र या मेल के माध्यम से जवाब मांगा जा सकता है। जत्थेदार ने कहा कि मान को एक्ट में संशोधन के लिए जल्दबाजी में कदम नहीं उठाना चाहिए था।
इसे लेकर सिंह साहिबान की बैठक जल्द बुलाई जाएगी। उधर, राज्यपाल से मुलाकात के बाद एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि उन्होंने सिख गुरुद्वारा एक्ट संशोधन बिल को नामंजूर करने की मांग की है। धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने गुरुद्वारा एक्ट में संशोधन कर एक नई परंपरा शुरू की है, जबकि सरकार के पास इसका कोई अधिकार नहीं है। इसमें संशोधन एसजीपीसी की सिफारिश पर संसद ही कर सकती है।
धामी ने कहा कि वह पीटीसी चैनल की वकालत नहीं करते, लेकिन चैनलों द्वारा गुरबाणी को लाइव करने के पैसे वसूले जाते हैं, जबकि दूसरी ओर पीटीसी ने एसजीपीसी को दो करोड़ रुपये एजुकेशन फंड के लिए दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने चैनल की आड़ में गुरुद्वारा एक्ट का उल्लंघन किया है।
एसजीपीसी ने 26 जून को जनरल इजलास बुलाया है, जिसके बाद अगला कदम उठाया जाएगा।क्या है गुरबाणी प्रसारण मामला अभी तक श्री हरिमंदिर साहिब से गुरबाणी का प्रसारण सुखबीर सिंह बादल के प्रभुत्व वाले पीटीसी चैनल पर होता है। इस चैनल का सब्सक्रिप्शन पैसे देकर लेना होता है। सरकार गुरबाणी का प्रसारण दूरदर्शन की तरह ‘फ्री टू एयर’ करना चाहती है। यानी जो भी चैनल चाहे इसका फ्री प्रसारण कर सके।