संगरूर : राज्य में इस गर्मी के मौसम के दौरान दिन-ब-दिन तापमान बढ़ रहा है, इस मौसम में सबसे बड़ी समस्या लू से होने वाली बीमारियां हैं। इसलिए डायरेक्टर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, पंजाब की ओर से आम लोगों के लिए गर्मी से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। इस संबंध में जानकारी देते हुए सिविल सर्जन संगरूर डॉ. कृपाल सिंह ने कहा कि कुछ सावधानियों का प्रयोग कर गर्मी से होने वाली बीमारियों और उससे होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अधिक तापमान शरीर की तापमान नियम प्रणाली को बिगाड़ देता है और गर्मी से संबंधित बीमारियों का कारण बनता है।
उन्होंने कहा कि नवजात शिशुओं, छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों, श्रमिकों, मोटापे से पीड़ित लोगों, मानसिक रूप से बीमार लोगों, हृदय रोग से पीड़ित रोगियों आदि को उच्च तापमान से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि गर्मी से बचने के लिए हमें दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चिलचिलाती धूप में बाहर नहीं निकलना चाहिए, इसलिए हमें सुबह और शाम बाहर के काम करने चाहिए। हर आधे घंटे के बाद भले ही हमें प्यास न हो पानी पीना चाहिए पर मिर्गी या हृदय रोग से पीड़ित लोग, गुर्दे या जिगर की बीमारी वाले व्यक्ति जो तरल प्रदार्थ की सीमित मात्रा पर हैं उन्हें पानी का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बाहर काम करते समय पूरे शरीर को ढकने वाले हल्के रंग के सूती कपड़े पहनने चाहिए, सिर को सीधी धूप से ढकने के लिए छाता, टोपी, तौलिया, पगड़ी या दुपट्टे का उपयोग करना चाहिए। इसके साथ ही नंगे पैर धूप में न जाएं। जो लोग धूप में काम करते हैं वह शरीर का तापमान ठीक रखने के लिए थोड़ी देर बाद छाया में आराम करें और सिर पर गीला तौलिया या कपड़ा जरूर रखें और हमेशा पानी साथ लेकर जाएं।
उन्होंने कहा कि मौसमी फल और सब्जियां जैसे कि तरबूज, खरबूजा, संतरा, अंगूर, ककड़ी, टमाटर, घीया और तोरी का अधिक उपयोग करना चाहिए क्योंकि इनमें पानी अधिक मात्रा में होता है। उन्होंने कहा कि ऐसे मौसम में ओ.आर.एस., नींबू पानी, लस्सी, नारियल पानी और अन्य तरल पदार्थों का अधिक सेवन करना चाहिए और अपनी त्वचा की सुरक्षा के लिए सनस्क्रीन और आंखों की सुरक्षा के लिए काला चश्मा लगाएं, थोड़ा-थोड़ा भोजन करें और अधिक बार खाएं, ठंडे पानी से नहाएं, सूती कपड़े से बने हलके रंग के मास्क पहने। अगर कसरत करते हैं तो धीरे-धीरे शुरू करने और बढ़ाएं ताकि शरीर का तापमान अनुकूल रहे।