उत्तर भारत के 16 किसान मजदूर संगठन 22 अगस्त को चंडीगढ़ में करेंगे घेराव

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बाढ़ को लेकर मांगें:

पूरे उत्तर भारत में हारा से हुए नुकसान के लिए केंद्र सरकार द्वारा लगभग 50 हजार करोड़ रुपये का विशेष पैकेज जारी किया जाना चाहिए।

सरकार को घग्गर दरिया योजना के अनुसार सभी नदियों का समाधान करना चाहिए

बाढ़ से नष्ट हुई फसल का 50 हजार रूपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाये

पशुधन के मारे जाने पर 1 लाख, मकान ढहने पर 5 लाख और जानमाल की हानि पर 10 लाख का मुआवजा परिवार को दिया जाए।

रेत से डूबे खेतों के लिए खनन का प्रावधान, प्रभावित बोरवेल के सभी खर्चों का प्रावधान और बाढ़ वाले खेतों के लिए विशेष पैकेज का प्रावधान।

बाढ़ प्रभावित लोगों के सभी ऋण और ब्याज दरें एक वर्ष के लिए माफ करना

केंद्र सरकार सभी फसलों की एमएसपी। गारंटी कानून तुरंत बनाकर लागू किया जाए

बाढ़ प्रभावित इलाकों में मनरेगा योजना तुरंत शुरू की जाए और इसके तहत हर साल 200 दिन से ज्यादा का काम दिया जाए.

दिल्ली मार्च के दौरान चंडीगढ़ के युवाओं सहित सभी राज्यों के किसानों और मजदूरों के खिलाफ पुलिस और रेलवे द्वारा पाए गए मामले रद्द किए जाएं।