UP News: लोकसभा और कुछ राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी ने संगठन में बड़ा फेरबदल किया है. उत्तराखंड से अहम पदों पर जेपी नड्डा की नई टीम में किसी बड़े चेहरे को जगह नहीं दी गई है.
UP News: बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राष्ट्रीय पदाधिकारियों की नई टीम गठित करने का ऐलान किया है. लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्तर पर बदलाव को काफी अहम माना जा रहा है. उत्तर प्रदेश से बीजेपी ने लोकसभा की 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. राष्ट्रीय पदाधिकारियों की लिस्ट में महिला वर्ग को भी प्रतिनिधित्व मिला है. पार्टी ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय महामंत्री, राष्ट्रीय महामंत्री , राष्ट्रीय सह-संगठन महामंत्री और राष्ट्रीय सचिव समेत कई अहम पदों में बदलाव करते हुए कुछ नए चेहरों को मौका दिया गया है.
बीजेपी संगठन में बड़ा फेरबदल
राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की तरफ से जारी लिस्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश से तीन लोगों को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है. चौंकानेवाला नाम विधान परिषद सदस्य तारिक मंसूर का है. तारिक मंसूर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर रहे हैं. पद से इस्तीफा देने के बाद योगी आदित्यनाथ की सरकार ने तोहफे में तारिक मंसूर को विधान परिषद का सदस्य मनोनित किया था. अब एक बार फिर तारिक मंसूर पर बड़ा भरोसा जताया है. उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया है. सांगठिक फेरबदल में महिला वर्ग को भी जगह दी गई है.
जानें किसे मिली क्या जिम्मेदारी?
बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की सांसद रेखा वर्मा को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया है. उत्तर प्रदेश के सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेयी को भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की लिस्ट में कुल 13 नाम हैं. उत्तर प्रदेश से सांसद अरुण सिंह को बीजेपी ने राष्ट्रीय महामंत्री घोषित किया है. राष्ट्रीय महामंत्री के 8 नामों की सूची में उत्तर प्रदेश के सांसद राधामोहन अग्रवाल भी शामिल हैं. उत्तर प्रदेश से सांसद सुरेंद्र सिंह नागर की तैनाती राष्ट्रीय सचिव के पद पर की गई है. जेपी नड्डा की नई टीम में उत्तराखंड से सिर्फ नरेश बंसल को जगह मिली है. माना जा रहा है कि होने जा रहे विधानसभा चुनावी राज्यों को देखते हुए भी नए नामों पर मुहर लगाई गई है. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय महामंत्री, राष्ट्रीय महामंत्री , राष्ट्रीय सह-संगठन महामंत्री और राष्ट्रीय सचिव जैसे अहम पदों पर उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व शून्य है.