पेशेवर लुटेरे प्रिंस बाबा की गिरफ्तारी का मामला, जांच दौरान कबूल की ये वारदातें

58
0

जालंधर : 2 जुलाई को पी.पी.आर. मार्कीट में शराब के ठेके पर लूट करके भागते समय लोगों द्वारा पकड़े पेशेवर लुटेरे प्रिंस बाबा व उसके साथी का रिमांड खत्म होने पर कमिश्नरेट पुलिस ने जेल भेज दिया है। आरोपियों से पूछताछ दौरान 3 पैट्रोल पंप, स्वीटी जूस बार समेत 8 के करीब लूट की वारदातें ट्रेस हुई हैं। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर कुछ लूट का सामान भी बरामद किया है।

रिमांड पर लेने के बाद थाना 7 से प्रिंस बाबा व उसके साथी नीरज को पूछताछ के लिए स्पैशल सेल ले जाया गया था। आरोपियों ने माना कि उन्होंने फगवाड़ा व जालंधर में तीन पैट्रोल पंप, स्वीटी जूस बार, दादा कालोनी स्थित एक दफ्तर, एक शॉप में लूट की थी। स्पैशल सैल के इंचार्ज जसपाल सिंह ने कहा कि आरोपियों से करीब आठ वारदातें ट्रेस हुई हैं। जिस स्कूटरी से सवार होकर आरोपी पी.पी.आर. मार्कीट में लूट की वारदातें को अंजाम देने को आए थे, वह किसी राहगीर से लूटी गई थी। पुलिस दोनों की निशानदेही पर शराब के ठेके से लूटे पैसे, दुकान से लूटा लैपटॉप, दो मोबाइल आदि बरामद किए हैं।

उन्होंने कहा कि दोनों आरोपियों को रिमांड खत्म होने पर जेल भेज दिया गया है। अब प्रिंस बाबा को अलग-अलग थानों की पुलिस अपने अपने केस में गिरफ्तारी और पूछताछ के लिए प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आएगी। बता दें कि मंगलवार देर रात एक्टिवा सवार प्रिंस बाबा और नीरज ने पी.पी.आर. मार्कीट में स्थित शराब के ठेके में घूस कर एक कारिंदे राजीव को घायल कर दिया था जबकि अन्य कारिंदे को गन दिखा कर गल्ले में से सात हजार रुपए और ग्राहक की चेनी व कैश लूट लिया था। जैसे ही लुटेरे भागे तो ठेके के कारिंदे ने शोर मचा दिया और अर्बन स्टेट फेज टू में आरोपियों को लोगों की भीड़ ने घेर कर जमकर पीट दिया और फिर पुलिस को सूचना दी।

थाना सात की पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया जिसके बाद खुलासा हुआ कि पकड़ा गया लुटेरा प्रिंस बाबा है जिसने शहर में कई वारदातों को अंजाम दे रखा है। हाल ही में थाना आठ की पुलिस ने दादा कालोनी में लूट करने वाले दो आरोपियों को काबू कर लिया था जिनकी पूछताछ में पता लगा कि उन्हें प्रिंस बाबा लेकर आया था जिसके बाद थाना आठ में भी पुलिस ने प्रिंस बाबा को नामजद कर लिया था। थाना सात में प्रिंस बाबा व नीरज के खिलाफ बी.एन.एस. के तहत 115 (2), 3 (5), 190, 351 (2), 351 (3), 332 (सी) और 307 के तहत केस दर्ज किया गया था।