गतिरोध दूर करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष द्वारा बुलाई गई बैठक रही बेनतीजा

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नई दिल्लीः मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर लोकसभा में जारी गतिरोध मंगलवार को भी जारी रहा और इस मुद्दे पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की ओर से बुलाई गई बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्ष अपने-अपने रूख पर अड़े रहे। संसद का मानसून सत्र शुरू होने के बाद से ही विपक्षी दलों के सदस्य मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान और फिर चर्चा कराने की मांग कर रहे हैं। वहीं सरकार का कहना है कि इस मुद्दे पर वह चर्चा को तैयार है जिसका जवाब गृह मंत्री अमित शाह देंगे। इसके कारण संसद के दोनों सदनों में कामकाज बाधित है।

सूत्रों ने बताया कि मानसून सत्र शुरू होने के बाद से ही निचले सदन में इस मुद्दे पर गतिरोध को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने मंगलवार को अपने कक्ष में सभी दलों की बैठक बुलाई। सूत्रों के अनुसार, बिरला ने सभी नेताओं से इस विषय पर पुनः अपनी पार्टी में चर्चा करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर एक बार फिर बैठक की जाएगी। बैठक में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, विधि मंत्री अजरुनराम मेघवाल के अलावा लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, तृणमूल कांग्रेस नेता सुदीप बंदोपाध्याय, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले और अपना दल से अनुप्रिया पटेल उपस्थित थीं।

इसके अलावा इसमें जनता दल  के ललन सिंह, द्रमुक के टी आर बालू, नेशनल कॉन्फ्रेंस से फारूक अब्दुल्ला, लोक जनशक्ति पार्टी से पशुपतिनाथ पारस, एआईएमआईएम से असदुद्दीन ओवैसी, तेलुगू देशम पार्टी से नामा नागेश्वर राव, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी से सी पी आर नटराजन, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग  से ईटी बशीर मोहम्मद तथा तेलंगाना राष्ट्र समिति से श्रीनिवास रेड्डी मौजूद रहे।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ सदन के सामने देश हित से जुड़े कई विधेयक और मुद्दे चर्चा के लिए लंबित हैं।’’ उन्होंने कहा, कि ‘ सरकार कोई भी विधेयक बिना चर्चा के पारित नहीं करना चाहती है और हर मुद्दे पर व्यवस्थित और रचनात्मक तरीके से चर्चा कराना चाहती है।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा, कि ‘ मैं विपक्ष से एक बार फिर से सदन चलाने में सहयोग देने की अपील करता हूं।’’