Jalandhar: लैदर काम्प्लेक्स में गोलियां चलाने का मामला, पूछताछ में हैरानीजनक खुलासा

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जालंधर : लैदर कांप्लैक्स में रंगदारी के लिए स्पोर्ट्स फैक्टरी में गोलियां चलाने वाले आरोपियों तक आतंकी रिंदा के साथ ही विदेश में रहते उसके साथी यादविंदर सिंह के नैटवर्क से जुड़े लोगों ने पी.ए.पी. चौक पर वैपन पहुंचाए थे। वैपन कोरियर जश्नप्रीत सिंह निवासी तरनतारन को गिरफ्तार करके पुलिस उससे वारदात में इस्तेमाल वैपन बरामद कर चुकी है।

5 दिन के रिमांड पर लिए जश्नप्रीत सिंह ने पूछताछ में बताया कि यादविंदर सिंह ने इंटरनैट कॉल करके उसे पी.ए.पी. चौक पर वैपन पहुंचाने का काम सौंपा था। वह अपने एक अन्य साथी महावीर निवासी राजोके तरनतारन के साथ वैपन लेकर पी.ए.पी. चौक पहुंचा। महावीर कुछ दूरी पर खड़ा रहा, जबकि जश्नप्रीत ने पहले से ही गिरफ्तार हो चुके भूपिंदर सिंह व गुरप्रीत सिंह को वैपन थमाया और वापिस करने की लोकेशन भी तय कर ली गई।

जैसे ही गोलियां चलाने का काम खत्म हुआ तो भूपिंदर सिंह व गुरप्रीत सिंह ने जश्नप्रीत सिंह को वैपन लौटा दिया था। जश्नप्रीत सिंह ने माना कि वह यादविंदर सिंह के कहने पर पहले ही वैपन पहुंंचाने और वापिस लेने का काम कर चुके हैं। पुलिस अब महावीर की तलाश में रेड कर रही है। जश्नप्रीत सिंह ने कबूला है कि उनके पास दो वैपन हैं। हालांकि लैदर कांप्लैक्स में जिस वैपन से गोलियां चलाई गईं उसे बरामद कर लिया गया है लेकिन एक अन्य वैपन महावीर के पास है जिसे गिरफ्तार करके उससे भी वैपन बरामद करवाया जाएगा।

यह है सारा मामला

3 जून की सुबह बाईक पर आए आरोपियों ने लैदर कांप्लैक्स स्थित कोहली इंडस्ट्री में फायरिंग की थी। दरअसल आतंकी लखबीर सिंह रिंदा ने फैक्टरी मालिक को कॉल करके करोड़ों रुपयों की रंगदारी मांगी थी और फैक्टरी मालिक इसे गंभीरता से ले इस लिए उसने फैक्टरी पर गोलियां चलवा दी थीं।

इस मामले को ट्रेस करते हुए कमिश्नरेट पुलिस के सी.आई.ए. स्टाफ ने करीब 750 सी.सी.टी.वी. कैमरे खंगालते हुए आरोपियों का रूट ब्रेक करके उन्हें मणिकरण से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार हुए आरोपी भूपिंदर सिंह निवासी छोटी मियाणी दसूहा, गुरप्रीत सिंह निवासी गांव चौहला तरनतारन और जगरूप निवासी जल्लेवाल तरनतारन ने माना था कि उन्होंने रिंदा के कहने पर गोलियां चलाई थीं।

जगरूप ने यादविंदर को कह कर राज मिस्त्री जश्नप्रीत को करवाया था ग्रुप में शामिल

राज मिस्त्री का काम करने वाले जश्नप्रीत सिंह ने माना कि वह जगरूप का जानकार है। आर्थिक तंगी थी जिसके चलते जगरूप ने उन्हें रिंदा व यादविंदर सिंह उर्फ यादे के ग्रुप में शामिल करने को कहा और यह भी कहा कि उसके काफी पैसे भी बन जाएंगे। इसी लालच के चलते वह मान गया। वैपन के बारे पूछने पर जश्नप्रीत ने कहा कि जगरूप ने वैपन दिलाने के लिए यादविंदर सिंह को कहा था। ऐसे में यादविंदर सिंह उर्फ यादे ने उन तक दो वैपन पहुंचाए थे, जिसे देने नकाबपोश युवक आए थे और वह उन्हें जानता भी नहीं था। जश्न ने माना कि अगर कहीं भी वारदात करनी होती थी उन्हें वैपन इधर-उधर करने को कहा जाता था। वह पहले भी वैपन की सप्लाई और वापिस लाने का काम कर चुका है।