नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि जी-20 के सफल आयोजन ने भारत को जिस ऊंचाई पर पहुंचा दिया है, ये देखकर दुनिया वाकई बहुत चकित है। लेकिन जानते हैं, मैं बिल्कुल हैरान नहीं हूं, बिल्कुल आश्चर्यचकित नहीं हॅू। श्री मोदी ने भारत मंडपम देश के अलग-अलग विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, प्रोफेसर्स और विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधिगणों को सम्बोधित करते हुये कहा कि “ इतने बड़े सफल आयोजन से मैं आश्चर्यचकित नहीं हू शायद आपके मन में होता होगा, इतना बड़ा हो गया, आप खुश नहीं हुए क्या कारण है? जानते हैं क्यों? क्योंकि जिस कार्यक्रम को सफल बनाने का बीड़ा आप जैसे युवा छात्र उठा लेते हैं, युवा जुड़ जाता है, तो फिर उसका सफल होना तय हो जाता है। ”
उन्होंने कहा, “आज से दो सप्ताह पूर्व इसी भारत मंडपम में गजब की हलचल थी। ये भारत मंडपम बिल्कुल ‘हैप्पनिंग प्लेस’ बना हुआ था और मुझे खुशी है कि आज उसी भारत मंडपम में मेरा भावी भारत मौजूद है।” श्री मोदी ने कहा, “ आप युवाओं की वजह से पूरा भारत ही एक “हैप्पनिंग प्लैस” बन गया है और ये कितना हैप्पनिंग है , ये हम पिछले 30 दिनों को ही देखें, तो साफ-साफ नजर आता है और जब मैं 30 दिन की बात करता हूं ना, आप भी साथ-साथ जरा अपने 30 दिन को जरा जोड़ते चलें, बीते हुए 30 दिन।
आपकी यूनिवर्सिटी के 30 दिन भी याद कर लेना। और दोस्तों और भी लोगों के पराक्रम जो 30 दिन में हुए वो भी याद कर लेना। मैं आपको क्योंकि मेरे नौजवान साथियो आपके सामने मैं आज आया हूं तो मैं भी अपना रिपोर्ट कार्ड आपको दे रहा हूं। मैं आपको पिछले 30 दिन का एक रिकैप देना चाहता हूं। उससे आपको नए भारत की स्पीड और नए भारत का स्केल दोनों का पता चलेगा।”
उन्होंने कहा,“आप सबको याद होगा 23 अगस्त का वो दिन जब धड़कने गले तक आ रही थी, भूल गए, हर कोई प्रार्थना कर रहा था कि भाई साहब ठीक रहे, कुछ गड़बड़ ना हो जाए, कर रहे थे ना? और फिर अचानक हर किसी का चेहरा खिल उठा, पूरी दुनिया ने भारत की आवाज सुनी…इंडिया इज ऑन दी मून। 23 अगस्त की वो तारीख, हमारे देश में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में अमर हो गई है। लेकिन उसके बाद क्या हुआ? इधर मून मिशन सफल हुआ, उधर भारत ने अपना सोलर मिशन लॉन्च कर दिया। अपना चंद्रयान अगर 3 लाख किलोमीटर गया, तो ये 15 लाख किलोमीटर तक जाएगा। आप मुझे बताइए, भारत की रेंज का कोई मुकाबला है क्या?
श्री मोदी ने कहा, “पिछले 30 दिनों में भारत की डिप्लोमेसी एक नई ऊंचाई पर पहुंची है। जी-20 से पहले दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स समिट हुई है। भारत के प्रयास से ब्रिक्स कम्युनिटी में, 6 नए देश शामिल हुए हैं। साउथ अफ्रीका के बाद में यूनान गया था। ये 40 साल में किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। और जितने भी अच्छे काम हैं ना, वो करने के लिए आपने मुझे ही बिठाया है। जी-20 के समिट से ठीक पहले मेरी इंडोनेशिया में भी विश्व के अनेक नेताओं के साथ मेरी बैठकक हुई। इसके बाद जी-20 में इसी भारत मंडपम में दुनिया के लिए बड़े-बड़े फैसले लिए गए।