Jalandhar: हाल ही में कुछ उद्योगों को मिले बिजली के बिल देख उनके होश उड़ गए बिलों में 70 से 80000 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया था, पता लगाने पर मालूम हुआ कि स्मार्ट मीटर लगाने के लिए जो सहमति पत्र देने थे और पीएसपीसीएल ने जिसकी अंतिम तिथि 15 मार्च रखी थी जिन उपभोक्ताओं ने 15 मार्च तक सहमति पत्र जिसमें यह लिख कर सहमति देनी थी कि उपभोक्ता मीटर स्वयं खरीद के लगाएंगे या बोर्ड अपनी तरफ से मीटर लगाएगा । यह पत्र जिन्होंने नहीं दिया उन्हें जुर्माना लगाया गया है।
इंजीनियरिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील शर्मा बोर्ड के अधिकारी से बात करने पर उन्हें कहा के ये सीधे पटियाला से ही जुर्माना लग के आया उनको इस बारे में कोई जानकारी नहीं है, अब समस्या ये है कि अगर किसी कारण से खपतकार से बोर्ड को सहमति पत्र देने में विलम्ब हो गया है तो विभाग उनसे दोबारा पत्र की मांग कर सकता है, इस प्रकार का जुर्माना लगाना गलत निर्णय है,
इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज़ एसोसिएशन ने इस बारे में एक बैठक कर बोर्ड से अपील की है कि जल्द ही इस मसले को हल किया जाए। जो उपभोक्ता बोर्ड को स्मार्ट मीटर लगाने के लिए सहमति पत्र का पत्र नहीं दे पाएं हैं, उनसे पत्र दोबारा ले लिया जाए, उद्योगपति पहले ही दूसरी समस्याओं से परेशान हैं, उन्हें निजात दिलाई जाए। इंजिनियरिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रधान सुनील शर्मा की तरफ से एक और बात कही गइ कि हम अपनी समस्याओं को लेकर पीएसपीसीएल के अधिकरियों से भी मिलेंगे, आने वाले दिनों में पंजाब के मुख्यमंत्री के जालंधर आने पर उनको भी इन समस्या का विवरण देकर इसका समाधान ढूंढा जाएगा । मीटिंग में चैयरमैन मनिन्दर शर्मा उप प्रधान राजीव जैरथ, सचिव नवनीत शर्मा ,संदीप महाजन, सुरिंदर सिंह, विशाल शर्मा, अरुण शर्मा, नवदीप शारदा, मंगल सिंह,अशीष अग्रवाल, हिमांशु जैरथ अर्जुन भटारा , गौरव जोशी राहुल बत्रा भी उपस्थित रहे