लुधियाना (विक्की): सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा भीषण गर्मी में बच्चों की सेहत का हवाला देते हुए सभी स्कूलों में छुटि्टयां तो घोषित कर दी गई हैं लेकिन निजी स्कूलों के अध्यापकाें पर छुटि्टयों के आदेश लागू होंगे या नहीं, इस बात को लेकर शहर के सभी प्रिंसीपल असमंजस में घिरे हुए हैं। स्कूल प्रिंसीपलों ने मंगलवार तो स्टाफ को स्कूल बुलाया और बुधवार को भी कइयों ने अध्यापकाें को बुलाया है। स्कूल प्रिंसीपलों का कहना है कि सरकार ने तो एकदम से छुटि्टयों के आदेश जारी कर दिए लेकिन एकाएक जारी आदेशों के बाद स्कूलों के कई काम लटक गए हैं।
अगर अध्यापकाें को नहीं बुलाया जाएगा तो 31 मई तक कोई पैंडिंग कार्य नहीं हो पाएगा। स्कूल प्रिंसीपलों के बने विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुपों में इस बात की चर्चा रही कि सरकार के आदेशों में अध्यापकों बारे कोई स्पष्ट निर्देश नहीं हैं इसलिए अध्यापकों को बुलाया जा सकता है या नहीं। स्कूलों को इस बात का भी डर सता रहा है कि अगर अध्यापकों को बुला लिया तो कहीं विभागीय आदेशों की अवहेलना न हो जाए।
ऐसे में स्कूल खुलने के बाद विभागीय नोटिसों का जवाब भी देना पड़ेगा। हालांकि इस बारे विभिन्न प्रिंसीपलों की अपनी-अपनी राय है लेकिन यह भी जानकारी मिली है कि बुधवार को शहर के नामी 5 स्कूलों के प्रिंसीपलों ने डी.सी. साक्षी साहनी से मुलाकात करने का प्लान बनाया है ताकि सारी स्थिति स्पष्ट हो सके। उधर शिक्षा विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि अगर सरकारी स्कूूल अध्यापकों को नहीं बुला रहे तो निजी स्कूलों को भी नहीं बुलाना चाहिए लेकिन जिन निजी स्कूलों में चुनावों के लिए बूथ बने हैं, उनके स्टाफ के संबंधित कुछ सदस्यों को चुनावों तक स्कूल में मौजूद रहना जरूरी है ताकि चुनावों के कार्य में विलंब न हो सके।