चुनावों में ठेकेदारों का नगर निगम झटका, आज से गली-मोहल्लों व बाजारों से ‘नहीं उठेगा कूड़ा कर्कट’

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 जालंधर : लोकसभा चुनावों के बीच निगम के लिए बड़ी समस्या खड़ी होती नजर आ रही है क्योंकि 4 करोड़ की लंबित राशि की अदायगी न होने के चलते कूड़ा कर्कट उठवाने वाले ठेकेदारों ने काम रोकने का फैसला लिया है। इसके चलते निगम के सफाई अभियान को बड़ा झटका लगेगा क्योंकि बुधवार से छोटे ढेरों से कूड़ा नहीं उठेगा।

ठेकेदारों द्वारा काम रोकने के फैसले से लोगों को कई तरह की दिक्कतें पेश आने लगेगी। इसके चलते बुधवार से शहर में सैंकड़ों स्थानों से कूड़ा उठाने का काम नहीं हो पाएगा। गली-मोहल्लों व बाजारों से कूड़ा उठवाकर डंपों तक कूड़ा भेजने के लिए ट्रैक्टर-ट्रालियों का इस्तेमाल किया जाता है। उक्त ठेकेदारों की शहर में 35 ट्रैक्टर-ट्रालियों चलती है, ठेकेदारों के फैसले के चलते उक्त 35 ट्रैक्टर-ट्रालियों आज से कूड़ा उठाने का काम नहीं करेगी। वहीं, निगम के कर्मचारियों का इस विरोध से कोई संबंध नहीं है, कर्मचारियों का काम रूटीन की तरह जारी रहेगा। निगम अधिकारियों का तर्क है कि समय रहते मामला हल हो जाएगा। गली-मोहल्लों, शहर के मुख्य बाजारों व अन्य प्रमुख स्थानों से कूड़े की लिफ्टिंग न होने के चलते लोगों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी होने वाली है। उक्त 35 ट्रैक्टर-ट्रालियों के जरिए जहां से कूड़ा उठाया जाता था वहां पर काम ठप्प रहेगा। इसके चलते गली-मोहल्लों व बाजारों में कूड़ा-कर्कट इधर-उधर बिखरता नजर आएगा।

उक्त ठेकेदारों ने निगम से पैडिंग पेमैंट की अदायगी न होने के कारण संघर्ष का रुख अपनाया है। लोकसभा चुनावों के दौरान कूड़े का प्रबंधन न होने के कारण सत्तारूढ़ सरकार के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है। इस समय रोष जताने के चलते निगम को राशि की अदायगी करनी पड़ेगी और ठेकेदारों का मसला हल होने की संभावना है।

2-3 दिनों में विकराल हो जाएगी समस्या

निगम द्वारा ठेकेदारों से मसला सुलझाने में देरी हुई तो लोगों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। जानकारों का कहना है कि 2-3 दिनों के भीतर कूड़ा-कर्कट गली-मोहल्लों व शहर के मुख्य बाजारों में जगह-जगह फैला हुआ नजर आने लगेगा। इससे लोगों का निगम के प्रति गुस्सा फूट सकता है, वहीं चुनावों के दौरान इसका विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना है।

उक्त ठेकेदारों के विरोध के बीच निगम के कर्मचारियों का काम जारी रहेगा। वहीं, जानकारों का कहना है कि निगम के पास ट्रैक्टर-ट्रालियों का अभाव है, जिसके चलते ठेकेदारों के जरिए ट्रैक्टर-ट्रालियों का प्रबंध किया गया है। अब उक्त ट्रैक्टर-ट्रालियों वालों ने काम ठप्प करने से कूड़ा उठाने के काम पर बड़ा असर पड़ेगा। अब देखना होगा कि निगम अधिकारी इस समस्या से कैसे निपटते हैं। क्योंकि मुख्य कारण यह है कि उक्त ठेकेदारों की 35 ट्रैक्टर-ट्रालियां शहर से कूड़ा उठाने का काम करती है, जोकि कल से कूड़ा उठाने का काम नहीं करेंगी। इसके चलते सैकड़ों स्थानों से कूड़ा उठाने का काम नहीं हो पाएगा।