नई दिल्ली– भारतीय राजनयिकों के नाम खालिस्तानी पोस्टरों में होने के मुद्दे को लेकर विदेश मंत्रालय सख्त प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रेस कांफ्रेस करके कहा कि ये मुद्दा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का नहीं बल्कि आतंकवाद का है।
मंत्रालय साफ शब्दों में कहा कि भारतीय राजनयिकों, मिशन के खिलाफ हिंसा भड़काने वाले पोस्टर अस्वीकार्य हैं। हमारी सरकार के लिए भारतीय राजनयिकों, मिशन की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमारे राजनयिक, दूतावास और वाणिज्य दूतावास के ख़िलाफ़ हिंसा और धमकी दी जा रही है।
इन देशों से मांगा जवाब
बागची ने कहा कि हमने सभी सरकारों (ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, कनाडा) से इस मुद्दे पर बात की है। कुछ जगह पर प्रतिक्रिया आई है और कुछ जगहों पर प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम इसकी निंदा करते हैं। हमने यह मुद्दा कनाडा सरकार के समक्ष उठाया है। हमने पीएम ट्रूडो की टिप्पणियों के बारे में मीडिया रिपोर्टें देखी हैं। मुद्दा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का नहीं है, बल्कि हिंसा की वकालत करने, अलगाववाद का प्रचार करने और आतंकवाद को वैध बनाने के लिए इसके दुरुपयोग का है। साथ ही उन्होंने कतर में हिरासत में लिए गए नौसेना अधिकारियों के मामले पर भी प्रतिक्रिया दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ये मामला हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता में है। नौसेना अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों की प्रकृति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। अधिकारियों के परिवार के सदस्यों को नियमित आधार पर मामले की जानकारी दी जा रही है। इसके साथ ही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बैस्टिल दिवस समारोह के लिए पीएम मोदी की आगामी फ्रांस यात्रा पर भी बात की।