इंटरनेशनल डेस्कः मालदीव सरकार ने गाजा में इजरायली हमलों को लेकर इजराइली पासपोर्ट पर प्रतिबंध लगाने के लिए देश के कानूनों में संशोधन करने का निर्णय लिया है। गृह मंत्री अली इहुसन ने रविवार दोपहर राष्ट्रपति कार्यालय में एक आपातकालीन संवाददाता सम्मेलन में इस निर्णय की घोषणा की।
इहुसन के अनुसार, यह निर्णय दिन में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने आज इजरायली पासपोटर् के मालदीव में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के लिए आवश्यक कानूनी संशोधन करने का निर्णय लिया। कैबिनेट ने प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है।
इस कदम के माध्यम से मालदीव द्वारा गाजा में चल रही स्थिति के बारे में अस्वीकृति का स्पष्ट संदेश दिए जाने की उम्मीद है। कैबिनेट ने फिलिस्तीन के संबंध में चार अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिया। इन निर्णयों में एक विशेष राष्ट्रपति दूत नियुक्त करना जिन क्षेत्रों में फिलिस्तीन को मालदीव से समर्थन की आवश्यकता है, निकट पूर्व में फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के माध्यम से फिलिस्तीनियों की सहायता के लिए धन संचय करना,‘फिलिस्तीन के साथ मालदीवियन एकजुटता’नारे के साथ एक राष्ट्रव्यापी रैली आयोजित करना और फिलिस्तीनी संघर्ष के समाधान में तेजी लाने के लिए अन्य मुस्लिम देशों के साथ चर्चा करना शामिल है।
मालदीव एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य के समर्थन के लिए मुखर रहा है। जब से राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू ने पदभार ग्रहण किया है, मालदीव ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर फिलिस्तीन का प्रतिनिधित्व किया है और अपन प्रयासों को तेज किया है। मालदीव में प्रति वर्ष 10 लाख से अधिक पर्यटक आते हैं, जिसमें इजरायल के लगभग 15,000 पर्यटक शामिल हैं।
मालदीव सरकार द्वारा इजरायली पासपोर्ट पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय मुख्य विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के एक सांसद मीकैल अहमद नसीम द्वारा पिछले सप्ताह आव्रजन अधिनियम में एक संशोधन प्रस्तुत करने के बाद आया है, ताकि इजराइली नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगाई जा सके। पिछले सप्ताह कार्यभार संभालने वाली नयी संसदीय सभा सोमवार को अपनी दूसरी बैठक आयोजित करेगी। मुख्य सत्तारूढ़ पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) के पास संसद में 93 में से 75 सीटों के साथ भारी बहुमत है।