चंडीगढ़: संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) एवं किसान मजदूर मोर्चा की ओर से मंगलवार को चंडीगढ़ के किसान भवन में प्रैस कांफ्रेंस आयोजित की गई जिसमें मुख्य तौर पर जगजीत सिंह डल्लेवाल, सरवन सिंह पंधेर, लखविंद्र सिंह औलख, अमरजीत सिंह मोहड़ी, सुखजिंद्र सिंह खोसा, बलदेव सिंह जीरा, अभिमन्यु कोहाड़, जसविंद्र लोंगोवाल, सुखदेव सिंह भोजराज, मंजीत सिंह राय आदि मौजूद रहे।
किसान नेताओं ने बताया कि गत 13 फरवरी से शंभू, खनौरी, डबवाली एवं रतनपुरा बॉर्डर पर किसानों के मोर्चे लगे हुए हैं। सभी बॉर्डरों पर किसानों को परेशान करने के लिए बिजली व्यवस्था को जानबूझकर बाधित किया जा रहा है। दोनों मोर्चों ने फैसला लिया कि मंडियों को बचाने के लिए, जेल में बंद किसानों की रिहाई व किसानी मोचों पर बिजली की उचित व्यवस्था के लिए 7 अप्रैल को जिला स्तर पर जुलूस निकालकर भाजपा के पुतले दहन किए जाएंगे। यदि सरकार ने फिर भी किसानों की इन बातों को नहीं माना तो 9 अप्रैल को शंभू बॉर्डर पर रेलवे ट्रैक को जाम कर ट्रेनें रोकी जाएंगी और आगामी दिनों में रेल रोकने के स्थान बढ़ाए जा सकते हैं।
किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ने हालिया समय में कई मंडियों को खत्म कर के गेहूं की फसल सीधे साइलो में लेकर जाने का आदेश जारी किया है जो पिछले दरवाजे से 3 कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने के समान है। किसान नेताओं ने कहा कि 10 फरवरी से हरियाणा में सैंकड़ों किसानों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से 5 किसान नेता अभी भी जेल में हैं, अभी रविंद्र सिंह (13 फरवरी से जींद जेल), अमरजीत सिंह (13) फरवरी से जींद जेल), अनीश खटकड़ (19 मार्च से जींद जेल), नवदीप सिंह और गुरकीरत सिंह (28 मार्च से अम्बाला पुलिस की कस्टडी) में हैं।