Jalandhar: सिविल अस्पताल का हैरान कर देने वाला कारनामा, जांच कमेटी गठित

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जालंधर : सिविल अस्पताल की मोर्चरी (डैड हाऊस) में पिछले करीब 30 दिनों से शव की हो रही दुर्गति के मामले में पंजाब केसरी द्वारा प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किए जाने पर सारा मामला चंडीगढ़ बैठे सीनियर अधिकारियों के नोटिस में पहुंच गया। इसके बाद सिविल अस्पताल की मैडीकल सुपरिंटैंडैंट डा. गीता ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच कमेटी गठित की है। जांच कमेटी में सीनियर मैडीकल आफिसर डा. परमजीत सिंह, डा. हरवीन कौर, डा. रणवीर सिंह तथा डा. सच्चर शामिल हैं। कमेटी के आगे सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब मृतक का कोई मैडीकल फाइल ही नहीं है तो मोर्चरी में मृतक का शव कैसे रखा गया, वह करीब एक महीने तक। यह कमेटी 2 दिन में पूरे मामले की जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपेगी।

दरअसल नियमों के मुताबिक जब व्यक्ति को अस्पताल दाखिल किया गया तो उस दौरान भी व्यक्ति का उपचार करने वाले डाक्टर ने सिविल अस्पताल में तैनात पुलिस गार्द को सूचित नहीं किया। इसके बाद व्यक्ति को वार्ड या फिर ट्रोमा वार्ड में शिफ्ट किया होगा तो वहां उसकी मौत होने के बाद भी संबंधित डॉक्टर ने इसकी जानकारी पुलिस को नहीं दी, जिसके बाद शव मोर्चरी में ही पड़ा रहा और हैरानीजनक बात है कि मोर्चरी में तैनात स्टाफ को भी इतने दिनों तक पता नहीं चल पाया कि शव फ्रीजर में है। आखिरकार बदबू अधिक आने के बाद ही इस बात का खुलासा हो सका। मृतक के शव की तस्वीर पंजाब केसरी इसलिए प्रकाशित नहीं कर रही है, क्योंकि इतने दिनों तक शव मोर्चरी में पड़े रहने के कारण शव की हालत इतनी दयनीय हो चुकी है और तस्वीर विचलित कर देने वाली है।