जालंधर: जालंधर वैस्ट विधानसभा हलके में 10 जुलाई को होने जा रहे उपचुनाव को लेकर माहौल पूरी तरह से गरमा गया है। इस सीट को जीतना भारतीय जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है। जालंधर वैस्ट की यह सीट किस पार्टी की झोली में जाएगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन इस सीट को जीतने के लिए सभी राजनीतिक पार्टी ने एड़ी चोटी का जोर लगाया हुआ है और पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।
उल्लेखनीय है कि साल 2022 में आम आदमी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़कर शीतल अंगुराल जालंधर वैस्ट से विधायक बने थे लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले वे भाजपा में शामिल हो गए। इस दौरान उन्होंने अपने विधायक पद से इस्तीफा विधानसभा स्पीकर को भेज दिया। हालांकि बाद में उन्होंने इस्तीफा वापस लेना चाहा लेकिन इससे पहले उनका इस्तीफा मंजूर हो चुका था। उनके इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हो गई। इस सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए अब भाजपा की ओर से शीतल अंगुराल, आम आदमी पार्टी की ओर से महेंद्र भगत और कांग्रेस की ओर से सुरेंद्र कौर चुनाव मैदान में है।
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में पूर्व सांसद सुशील रिंकू और पूर्व विधायक शीतल अंगुराल के अलावा भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की लंबी चौड़ी फौज होने के बावजूद भाजपा को करीब 1550 वोट से वैस्ट हल्के में हार मिली। अब भाजपा इस सीट को जीतने के लिए पूरा जोर लगा रही है। आने वाले दिनों में कई स्टार प्रचारक भी प्रचार करने आएंगे।
वहीं दूसरी तरफ सत्तापक्ष आम आदमी पार्टी इस सीट को हर हाल में जीतना चाहती है क्योंकि यह सीट पहले आम आदमी पार्टी के पास थी। मुख्यमंत्री भगवंत मान इस सीट को जीतकर इतिहास दोहराना चाहते हैं इसलिए उन्होंने जालंधर में कोठी भी किराए पर ले ली है। वहीं लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली बड़ी जीत से कांग्रेसी काफी उत्साहित हैं। वैस्ट हलके में कांग्रेस को मिली जीत से भी कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और जालंधर लोकसभा से सांसद चरणजीत सिंह चन्नी भी इस सीट को जीतने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। इस सीट पर 10 जुलाई को वोटिंग होगी और 13 जुलाई को नतीजा घोषित किया जाएगा।