मोगा : एक तरफ जहां पंजाब में किसी भी तरह की प्रापर्टी खरीद-बेच तथा सरकार 2022 में नए नियम बनाते हुए एन.ओ.सी. (नो एबजिक्शन सर्टिफिकेट) लाजमी कर दिया था, वहीं इसके साथ लोगों में भारी परेशानी का आलम बन गया था, क्योंकि इस सर्टिफिकेट को हासिल करने के लिए किसी भी प्रॉपर्टी बेचने वाले व्यक्ति पर हजारों रुपए का फालतू बोझ तो पड़ता ही था, बल्कि यह सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए लंबा इंतजार भी करना पड़ता था।
राज्य भर में एन.ओ.सी. के विरुद्ध लोगों का रोष तेज होने के बाद फरवरी 2024 में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने यह ऐलान किया था कि अब प्रापर्टी की रजिस्टरी समय किसी भी एन.ओ.सी. की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस फैसले के बाद राज्य भर के लोगों ने एक दफा तो सुख का सांस ली थी, परन्तु यह ऐलान का कानून पास न होने के कारण जमीनी स्तर पर माल विभाग के अधिकारियों की तरफ से एन.ओ.सी. की मांग ही की जाती थी, परन्तु इतना जरूर था कि कुछ स्थानों पर विभाग द्वारा रजिस्ट्रियों के मामले में कुछ नर्मी कर दी थी, जिस कारण 30 सालों पुराने रिकार्ड तथा अन्य कागजात के सहारे रजिस्ट्रियां की जा रही थी।
माल विभाग मोगा के अधिकारियों ने कहा कि एक तरह लोगों की सहूलियत के लिए यह रजिस्ट्रियां पिछले समय से की जाती थी, परन्तु अब 2 दिन पहले हुई सरकारी सख्ती करके बिना एन.ओ.सी. के रजिस्ट्रियां बंद कर दी हैं, जिस कारण लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
मोगा में रजिस्ट्रियां करवाने के लिए आए लोगों ने पंजाब केसरी से बातचीत करते कहा कि सरकार को इस मामले पर नीति सरल करनी चाहिए, क्योंकि इससे सरकारी खजाने में भी रैवेन्यू जाता है। उन्होंने कहा कि लोग रोजाना निराश होकर लौट रहे हैं।