त्रिपुरा के गोमती जिले में स्थित शक्ति पीठों में से एक त्रिपुरेश्वरी मंदिर के पवित्र तालाब में एक अज्ञात व्यक्ति की खोपड़ी मिली है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि खोपड़ी त्रिपुरा सुंदरी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध इस 500 साल पुराने तीर्थस्थल के भीतर बने कल्याण सागर तालाब में कैसे पहुंची।
लोगों के एक समूह ने वीरवार सुबह कल्याण सागर में एक खोपड़ी तैरती हुई देखी और प्राधिकारियों को इसकी सूचना दी। मुख्यमंत्री माणिक साहा ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में कहा, ‘‘पुलिस को खोपड़ी मिली है और इसे पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है। त्रिपुरा राज्य राइफल्स (टीएसआर) के गोताखोरों ने यह पता लगाने के लिए तालाब में तलाश की कि वहां और मानव अवशेष तो नहीं हैं, लेकिन उन्हें कुछ और नहीं बरामद हुआ।”
साहा ने बताया कि पुलिस ने मंदिर और आसपास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले हैं, लेकिन अभी कोई सुराग नहीं मिला है। स्थानीय पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी बाबुल दास ने बताया कि इस संबंध में एक मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम पूरे गोमती जिले में लापता लोगों की सूची खंगाल रहे हैं, लेकिन अभी तक कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है।”
मंदिर के प्रबंधक माणिक दत्ता ने बताया कि कल्याण सागर के पानी का अगले 45 दिन तक इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, क्योंकि खोपड़ी मिलने के बाद यह अपवित्र हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें कल्याण सागर को फिर से पवित्र करने के लिए 45 दिन बाद पूजा करनी होगी।” यह मंदिर 1501 में महाराज धन्य माणिक्य ने बनवाया था। अभी इसका संचालन राज्य सरकार के हाथों में है।