कपूरथलाः विदेश घूमने जाना आज हर किसी का सपना है, लेकिन कई बार वहां की भाषा का ज्ञान ना हाेना आपके लिए भारी पड़ा सकता हैं। ऐसा ही एक मामला फिलीपींस में सामने आया हैं, जहां पर बलदेव सिंह 2018 में मनीला में घूमने के लिए गए और 15 दिन का वीजा मिलने पर जब वह वहां पहुंचे और करीब एक महीने बाद वापस आने लगे तो उन्हें मनीला में यह कह कर रोका गया की उनकी क्लियरेंस नहीं आई है। बलदेव सिंह जिन्हें वहां की भाषा का कोई ज्ञान नहीं था, जिस कारण वह वहां पर पूछे गए कुछ सावलाें का सही उत्तर ना दे सकें, जिस कारण वहां की सरकार ने उन्हें सजा दी, जिस कारण उन्हें 5 साल के लिए जेल में रहना पड़ा।
दरअसल, बलदेव सिंह 2018 में मनीला में घूमने के लिए गए थे और 15 दिन का वीजा मिलने पर जब वह वहां पहुंचे और करीब एक महीने बाद वापस आने लगे तो उन्हें मनीला में यह कह कर रोका गया की उनकी क्लियरेंस नहीं आई है। उन्हें वहां की भाषा का कोई ज्ञान नहीं था, जब वहां के अधिकारियों ने पूछा की आप वहीं बलदेव सिंह है, जिनपपर बहुत से अपराधिक मामले दर्ज हैं, तो बलदेव सिंह को सिर्फ अपने नाम की ही बात समझ आई थी, जिस पर उन्हाेंने हां में सर हिला दिया और फिर उन्हें जेल में डालने के बाद एक बार फिर अदालत में पेश किया गया तो उन से फिर वहीं सवाल दोहराया गया की वह वहीं बलदेव सिंह है जिन्हों ने कई अपराध किए है तो बलदेव सिंह ने फिर अपना नाम सुन कर वहीं गलती दोहराई। जिस कारण उन्हें करीब 5 साल जेल में रहना पड़ा।
इसके बाद पीड़ित परिवार ने अपनी समस्या काे राज्य सभा सदस्य संत सीचेवाल को सुनाई, तो उन्होंने प्रयास कर मनीला के उच्च अधिकारियों से बातचीत कर यह साबित करवाने में सफलता हासिल की जो बलदेव सिंह इस समय जेल में बंद है, वह अपराधी बलदेव सिंह नहीं है, बल्कि कोई और बलदेव सिंह है। जिसके बाद वह करीब 5 साल बाद अपने परिवार में वापस आ सके।