जाब के फतेहगढ़ साहिब जिले में एक हफ्ता पहले हुई हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। दोस्त ही दोस्त के हत्यारे निकले हैं। 10 महीने पहले इन्होंने हत्या की साजिश रचनी शुरू कर दी थी और मौका मिलते ही वारदात को अंजाम दिया।
आरोपी गुरप्रीत ने दोस्त और अपनी पत्नी के साथ मिलकर अपनी मौत की झूठी साजिश रची, ताकि चार करोड़ रुपये बीमा की राशि को हड़पा जा सके। आरोपी ने अपने दोस्त सुखजीत सिंह हत्या की और सड़क हादसे में खुद को मरा घोषित करवा दिया। दुनिया जिसे मरा समझ रही थी दरअसल, वह जिंदा था। पुलिस ने इस मामले में महिला सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
यह पूरा मामला किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। बुधवार को एसएसपी डॉ. रवजोत ग्रेवाल ने मीडिया को बताया कि फतेहगढ़ साहिब के गांव सानीपुर के रहने वाले सुखजीत सिंह की पत्नी जीवनदीप कौर ने बताया कि 19 जून को उनके पति शाम को ठेके पर शराब लेने गए थे लेकिन नहीं लौटे। 20 जून को गुमशुदगी की रिपोर्ट सरहिंद थाना में दर्ज करवाई।
प्रारंभिक जांच में सुखजीत की बाइक और चप्पल पटियाला रोड पर नहर किनारे मिले थे। पुलिस को पहले तो यह खुदकुशी का मामला लगा लेकिन एक किलोमीटर दूर जब सुखजीत सिंह का मोबाइल जमीन में दबा मिला तो पुलिस ने हत्या के एंगल से जांच शुरू की। जांच में सुखजीत के दोस्त गुरप्रीत का पता चला।डीएसपी गुरबंस सिंह बैंस के नेतृत्व में तीन सदस्यीय एसआईटी बनाई गई। जांच में सामने आया कि सुखजीत शराब पीने का आदी था। कुछ दिनों से उसकी दोस्ती रामदास नगर के गुरप्रीत सिंह से हो गई थी।गुरप्रीत अपने पैसों से सुखजीत को शराब पिलाता था। सुखजीत की पत्नी जीवनदीप कौर ने इन लोगों के साथ शराब पीने का विरोध भी किया था। पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि 19 जून को गुरप्रीत सिंह, उसकी पत्नी खुशदीप कौर और दोस्त सुखविंदर सिंह संघा साथ दिखे थे। इन लोगों ने 20 जून को गुरप्रीत सिंह की सड़क हादसे में मौत की झूठी कहानी बनाकर राजपुरा थाना में दुर्घटना का मामला दर्ज कराया था।