जालंधर : वैस्ट विधानसभा हलका में उपचुनाव के नतीजों में कांग्रेस की हुई दुर्गति साबित करती है कि पंजाब में 1 जून को हुए लोकसभा चुनाव के दौरान जालंधर में चरणजीत चन्नी लहर की मात्र 40 दिनों में हवा निकल गई है। उपचुनाव में वैस्ट हलका में कांग्रेस जिस बड़े अंतर से पराजित होते हुए तीसरे स्थान पर आ खड़ी हुई है इससे राजनीतिक गलियारों में नई चर्चा छिड़ गई है कि क्या चन्नी का मतदाताओं के बीच करीब एक महीना पहले चला जादू खत्म हो गया है? उपचुनाव चाहे सांसद चन्नी के नहीं थे परंतु चन्नी ने ही नगर निगम की पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर सुरिंदर कौर को टिकट दिलाने में बड़ी भूमिका अदा करते हुए कांग्रेस की बड़ी जीत का दावा किया था।
विगत लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने वैस्ट हलका से जीत हासिल की थी, कांग्रेस का मार्जिन चाहे 1557 वोट रहा , परंतु सैंट्रल व नार्थ विधानसभा हलकों में भाजपा के हाथों हार का सामना करने वाली कांग्रेस शहरी इलाकों में केवल वैस्ट हलके में अपनी इज्जत बचा पाई थी। यहां कांग्रेस के मुकाबले लोकसभा चुनाव में भाजपा 42,837 वोट प्राप्त कर दूसरे व आम आदमी पार्टी 15,629 वोट लेकर तीसरे स्थान पर आई।
उपचुनाव में 4 जून को लोकसभा चुनाव नतीजों में पहले स्थान पर रहने वाली कांग्रेस का वोट बैंक 10 जुलाई को 44,394 के आंकड़े से खिसक कर 16,757 वोट पर आना सभी को अचंभित कर रहा है। वह भी ऐसे हालात में जब सांसद चन्नी ने भी उपचुनाव में हलका के गली-मोहल्लों में चुनाव प्रचार किया हो। उपचुनाव में दूसरे नंबर पर रहने वाली भाजपा भी केवल 17,921 वोट लेकर दूसरे स्थान पर लुढ़क गई।
अब चूंकि जनता का फैसला सबके सामने आ चुका है ऐसे हालात में जालंधर लोकसभा हलका के नवनिर्वाचित सांसद चरणजीत सिंह चन्नी को भी इस हार से खासी आलोचना का सामना करना पड़ेगा क्योंकि उनके सांसद बनने के बाद उपचुनाव उनकी पहली अग्नि परीक्षा थी, जिसमें चन्नी बुरी तरह से फ्लाप साबित हो गए हैं।