पंजाब डेस्कः जालंधर वैस्ट उप चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मोहिंदर भगत ने भारी मतों से जीत हासिल की है। इस जीत का जश्न जालंधर से लेकर चंडीगढ़ तक मनाया जा रहा है। ‘आप’ के मोहिंदर भगत ने 37325 मतों से जीत हासिल की है जबकि दूसरे नंबर पर भाजपा के शीतल अंगुराल 17921 रहे और कांग्रेस की सुरिंदर कौर 16757 मतों के साथ तीसरे नंबर पर रही। इस सीट पर भाजपा द्वारा काफी जोर लगाया गया था लेकिन वह सीट नहीं निकाल सकी। आखिर किन कारणों के कारण भाजपा सीट हासिल करने पर चूक गई, आइएं एक नजर डालते हैं इन 5 कारणों परः-
1) भाजपा उम्मीदवार शीतल अंगुराल पहले आम आदमी पार्टी में थे, इस सीट पर उन्होंने चुनाव भी लड़ा और लोगों द्वारा उन्हें विधायक भी बनाया गया लेकिन उन्होंने पार्टी को छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया, जिससे लोग शीतल के दल बदलने से गुस्से में थे। सोशल मीडिया पर लोगों का कहना था कि इस दल बदलू के कारण ही दोबारा इस सीट पर चुनाव हो रहे है, अब दोबारा हम वोट नहीं देंगे।
2) चुनाव प्रचार दौरान भाजपा का कोई भी बड़ा नेता वेस्ट हलके में नहीं पहुंचा जबकि मुख्यमंत्री भगवंत से लेकर आप के बड़े मंत्री लोगों के बीच पहुंचे और उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार भी आप की और विधायक भी आप का होगा तो लोग फायदे में रहेंगे। लेकिन भारतीय जनता पार्टी के कोई बड़े नेता द्वारा ना तो प्रचार किया गया और ना ही कोई वायदा।
3) अगर बात करें शीतल अंगुराल की तो वह लोगों के मुद्दों की बजाएं लाइव होकर सी.एम. मान को चैलेंज करते नजर रहे। लेकिन वैस्ट हलके के लोग क्या चाहते हैं उन्होंने एक नहीं सुनी। अगर वह लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याएं हल करते या सुनते तो लोग उन्हें पसंद भी करते।
4) इस सीट को जीतने के लिए सी.एम. मान खुद परिवार सहित किराए के मकान में आ पहुंचे। हर रोज जगह-जगह रोड शो, डोर-टू-डोर प्रचार किया गया। यहां तक कि उनकी पत्नी और बहन ने भी इस सीट को जीतने के लिए पूरा साथ दिया। सी.एम. मान द्वारा रचे चक्रव्यूह को भाजपा द्वारा तोड़ा नहीं जा सका।
5) चुनाव प्रचार दौरान भाजपा के वर्कर कम नजर आए जबकि बाहरी लोग यहां आकर प्रचार करते दिखें लेकिन लोगों पर उनका जादू नहीं चल सका।भाजपा वर्कर के साथ भाजपा वोटर भी पार्टी से नाराज़ हो रहा है।