कपूरथला : लगभग 5 महीने पहले, एक विवाहित महिला अपने घर की स्थिति को सुधारने के लिए विदेश में मस्कट गई थी। जहां उसे गंभीर यातनाओं का सामना करना पड़ा और दुखी हो अपने कार्यस्थल से भाग उसने स्थानीय गुरुद्वारा साहिब में शरण ली। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने उसे भारत भेजने में मदद की। वहीं अपने वतन लौटने के बाद अब वह खुशहाल जीवन जी रही है।
यह ताजा मामला पास के भुलत्थ जिले के एक गांव का है, जहां एक शादीशुदा महिला अपनी करीबी महिला रिश्तेदार के बहकावे में आकर पिछले अप्रैल में मलेशिया चली गई थी। घटना के बारे में बताते हुए उसने कहा कि एजेंट मुझे मलेशिया बताकर मस्कट ले गया, जहां एयरपोर्ट पर मुझे लेने आए व्यक्तियों ने मेरा पासपोर्ट जब्त कर लिया और मुझे किसी के घर काम करने के लिए छोड़ दिया।
पीड़िता ने बताया कि चार महीने काम करने के बदले उन्होंने मुझे केवल 1 महीने का वेतन दिया, जिसे मैंने अपनी बेटी के ऑपरेशन पर खर्च कर दिया। उसने कहा कि एक दिन मैं मौका देखकर वहां से भाग गई और स्थानीय गुरुद्वारा साहिब में शरण ली। जहां गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने मुझे रहने के लिए एक कमरा दिया।
इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए पीड़ित महिला ने कहा कि वहां कई अन्य भारतीय लड़कियां हैं, जिनमें अधिकतर पंजाबी हैं, जो वहां फंसी हुई हैं और मेरी तरह उन पर अत्याचार किया जा रहा है। पीड़िता ने भारत सरकार से उन्हें भी भारत लाने की मांग की।