राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने छह सीमावर्ती जिलों में भारत-पाक सीमा के घेरे में आने वाले गांवों में ‘विलेज डिफेंस कमेटियां’ बनाने का ऐलान किया। इस फार्मूले के तहत पुलिस की ओर से सीमावर्ती गांव में तैनात ‘विलेज पुलिस अफसर’ और ‘विलेज डिफेंस कमेटी’ के दो सदस्य रातभर पहरा देंगे।
अमृतसर,जागरण टीम। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने सिविल व पुलिस प्रशासन की मदद के साथ छह सीमावर्ती जिलों में भारत-पाक सीमा के 10 किलोमीटर घेरे में आने वाले गांवों में ‘विलेज डिफेंस कमेटियां’ बनाने का ऐलान किया।
उन्होंने कहा कि उक्त कमेटियों में जो कमेटी अपने गांव या इलाके में नशे को खत्म करने के लिए सबसे अधिक सरगर्मी के साथ काम करेगी, उसे 26 जनवरी को राज्यस्तरीय समारोह में सम्मानित किया जाएगा।
इसी तरह एक जिले में पहले नंबर पर आने वाले को तीन लाख, दूसरे नंबर पर आने पर दो लाख और तीसरे नंबर पर आने वाले को एक लाख रुपये के नकद ईनाम दिए जाएंगे। राज्यपाल ने सीमावर्ती जिलों के दौरे के दूसरे दिन अमृतसर, फिरोजपुर व फाजिल्का का दौरा किया।
अमृतसर में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने डीआइजी बार्डर रेंज नरिंदर भार्गव द्वारा बीते दिन पठानकोट के पट्टी में ड्रोन द्वारा होती तस्करी रोकने के लिए शुरू किए गए ड्रोन इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम की सराहना की। कहा कि इस सिस्टम को सभी जगह शुरू किया जाए।
राज्यपाल ने कहा कि इस फार्मूले के तहत पुलिस की ओर से सीमावर्ती गांव में तैनात ‘विलेज पुलिस अफसर’ और ‘विलेज डिफेंस कमेटी’ के दो सदस्य रातभर पहरा देंगे। जब भी ड्रोन की हरकत नजर आई तो वह सभी कमेटी सदस्यों को उठाकर ड्रोन के नीचे क्षेत्र की निगरानी करते हुए नजदीकी पुलिस थाने और कंट्रोल रूम को सूचित करेंगे। इसी तरह ड्रोन से फेंकी गई खेप भी बरामद की जा सकेगी और उसे लेने आया तस्कर भी पुलिस के हाथ आ जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरहदीय क्षेत्रों में सीसीटीवी भी लगाए जाएंगे।