DGCA द्वारा पायलट लाइसेंस जारी करने संबंधित स्पष्टीकरण जारी

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नई दिल्ली : विभिन्न मीडिया में कुछ लेख प्रकाशित हुए हैं, जिनमें कहा गया है कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) में कर्मचारियों की कमी के कारण पायलट लाइसेंस जारी करने में देरी हो रही है। यह समाचार गलत जानकारियों से भरा हुआ है और इसमें ऐसे दावे किए गए हैं जो तथ्यात्मक जानकारी पर आधारित नहीं हैं।

1. प्रशिक्षित पायलटों को लाइसेंस जारी करने के संबंध में, यह स्पष्ट किया जाता है कि जमा किए गए आवेदन से जुड़ी प्रक्रिया का समय प्रस्तुत किए गए आवेदन की जटिलता और पूर्णता के आधार पर भिन्न हो सकता है। डीजीसीए की तरफ से वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस (सीपीएल) जारी करने और परिवर्तित करने के लिए प्रकाशित सांकेतिक समय-सीमा क्रमशः 20 और 30 कार्य दिवस है। आवेदनों की संख्या में बढ़ोतरी के बावजूद डीजीसीए सांकेतिक समयसीमा का पालन कर रहा है। सीपीएल अंक और रूपांतरण यानी परिवर्तन के लिए 2023 के दौरान आवेदनों में लगी औसत समय-सीमा 22 और 31 कार्य दिवस है।

वर्ष 2022 में जारी किए गए वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस की कुल संख्या पिछले दशक में सबसे ज्यादा रही थी और इस आंकड़े को सितंबर 2023 के महीने में ही पार किया जा चुका है। 2023 में जारी सीपीएल की संख्या अब तक सबसे अधिक रहने की संभावना है। डीजीसीए मौजूदा कार्यबल के साथ पिछले दो वर्षों (2022 और 2023) से रिकॉर्ड संख्या में लाइसेंस और रेटिंग जारी कर रहा है। जारी किए गए लाइसेंस और रेटिंग की संख्या में वर्ष 2022 की तुलना में 31 अगस्त 2023 तक 45 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।

2. डीजीसीए में कर्मचारियों की स्थिति के मुद्दे पर, यह स्पष्ट किया जाता है कि डीजीसीए में ऑपरेशंस कैडर की कुल स्वीकृत क्षमता 228 है। ये 228 पद डीजीसीए में विभिन्न निदेशालयों में बंटे हुए हैं, जो फ्लाइट क्रू लाइसेंसिंग और परीक्षा, एटीसीओ लाइसेंसिंग आदि विभिन्न नियामकीय कार्य करते हैं। इन 228 में से, डीजीसीए मुख्यालय में फ्लाइट क्रू लाइसेंसिंग निदेशालय में तकनीकी कार्यबल की स्वीकृत क्षमता 15 है, जिसकी तुलना में वर्तमान में 12 अधिकारी तैनात हैं। पदों की मंजूरी के बाद, डीजीसीए ने निम्नलिखित पदों को भरने के लिए कदम उठाना शुरू कर दिए हैं :

– अब तक ऑपरेशंस कैडर में 35 अधिकारियों की पदोन्नति के आदेश जारी हो चुके हैं।
– अगस्त 2022 में नए पदों की मंजूरी के बाद से डीजीसीए के विभिन्न संवर्गों में 111 अधिकारियों को पदोन्नत किया गया है।
– सीधी भर्ती के लिए, यूपीएससी द्वारा तीन ऑपरेशन अधिकारियों का चयन किया गया है और 51 एडी (ऑपरेशन) की भर्ती का प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है।
-डीडीजी पद पर भर्ती से जुड़े नियमों में संशोधन किया जा रहा है। इसके अलावा, डीडीजी एक एक्स-कैडर पद है और डीडीजी की कमी से आवेदनों की प्रोसेसिंग प्रभावित नहीं होती है, क्योंकि लाइसेंस के अनुमोदन के लिए सक्षम प्राधिकारी निदेशक हैं।

3. एयर ट्रैफिक कंट्रोलर लाइसेंसिंग और एयरोड्रम लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं के मुद्दे पर, आवेदनों की मंजूरी में लगने वाले समय में डीजीसीए अधिकारियों की तरफ से उठाई गई कमियों का जवाब देने में आवेदक द्वारा लगने वाला समय भी शामिल है।
– एटीसीओ लाइसेंसिंग: डीजीसीए द्वारा एटीसीओ लाइसेंस जारी करने के लिए प्रकाशित सांकेतिक समयसीमा 20 कार्य दिवस है। इसके विपरीत, 2023 में अब तक का औसत समय 14.5 दिन है।
– एयरोड्रम लाइसेंसिंग: जैसा कि नागरिक विमानन नियुक्ति में यह निर्धारित किया गया है, प्रसंस्करण के लिए आवश्यक न्यूनतम अवधि डीजीसीए को हवाई अड्डा मैनुअल के साथ पूर्ण आवेदन प्राप्त होने की तारीख से लगभग तीन महीने हो सकती है। यदि आवेदक टिप्पणियों/ मुद्दों का संतोषजनक ढंग से समाधान करने में सक्षम नहीं है तो यह अवधि तीन महीने से अधिक हो सकती है।
डीजीसीए ने पिछले छह महीनों के दौरान शिवमोगा हवाई अड्डे, राजकोट अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और उत्केला हवाई अड्डे को एयरोड्रम (हवाई अड्डा) लाइसेंस जारी किया है।डीजीसीए यह सुनिश्चित करता है कि हवाई अड्डों को तुरंत अवलोकन (टिप्पणियां) जारी किए जाएं और उनके द्वारा सभी निर्धारित आवश्यकताओं का अनुपालन करने पर मंजूरी दे दी जाए। आज की तारीख में सभी आवेदन आवश्यकताओं के अनुपालन के लिए ऑपरेटरों के पास हैं और उन पर काम जारी है।

4. ड्रोन उड़ान प्रशिक्षण संस्थानों के लिए लाइसेंस के संबंध में:
– विशिष्ट पहचान संख्या (यूआईएन) आवेदक/ विनिर्माता द्वारा डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्वयं तैयार की जाती है और डीजीसीए द्वारा अधिकृत आरपीटीओ द्वारा डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के माध्यम से रिमोट पायलट प्रमाणपत्र जारी किए जाते हैं। लेख में दिया गया इस मामले से जुड़ा ब्योरा पूरी तरह से गलत हैं।
– नियमों के तहत किसी आवेदक को रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन (आरपीटीओ) स्थापित करने के लिए प्राधिकार जारी करने की समय-सीमा आवेदन जमा करने के 60 दिनों के भीतर निर्धारित की गई है।
– जैसे ही आवेदकों द्वारा त्वरित अनुपालन सुनिश्चित किया जाता है, तो उन आवेदनों को तेजी से मंजूरी दे दी जाती है. वहीं, जिन मामलों में आवेदक निर्धारित अनुपालनों का पालन करने में सक्षम नहीं होते हैं तो ऐसे कुछ आवेदनों में अधिक समय लगता है। फिलहाल 25 आवेदन डीजीसीए के पास विभिन्न प्रक्रियाओं से गुजर रहे हैं। 7 आवेदन 60 दिनों की सीमा पार कर चुके हैं, जिनमें से पांच मामलों में आवेदकों ने अभी तक डीजीसीए की टिप्पणियों का जवाब नहीं दिया है। शेष दो मामलों में, महीने के अंत तक मंजूरी मिलने की उम्मीद है, बशर्ते सभी आवश्यकताओं का अनुपालन किया जाए।