अमृतसर: यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका के न्यूयॉर्क में पुलिस बल में कार्यरत एक सिख युवक को दाढ़ी रखने से रोका गया। यह सिखों की धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। यह बात शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव भाई गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने एक बयान में व्यक्त की।
उन्होंने कहा है कि अमेरिका के विकास में सिखों का बड़ा योगदान है, लेकिन दुख की बात है कि इस पर आंखें मूंदकर सिखों के धार्मिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। शिरोमणि कमेटी के महासचिव ने कहा कि अमेरिका जैसे देश, जो सिखों की पहचान, तौर-तरीके, रीति-रिवाज और परंपराओं की समझ रखता है, वहां इस तरह का नियम आश्चर्यजनक है। उन्होंने कहा कि सिखों के लिए केस (बाल) का बहुत महत्व हैं, जिन्हें सिख अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करते हैं। भाई ग्रेवाल ने कहा कि भारत सरकार के विदेश मंत्रालय को इस मामले पर कार्रवाई करनी चाहिए और राजनयिक स्तर पर सिखों की भावनाओं को अमेरिकी सरकार के सामने व्यक्त करना चाहिए। इस बीच, भाई गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने ब्रिटेन में भाई अवतार सिंह खांडा के अंतिम संस्कार के अवसर पर उनके परिवार के सदस्यों को वीजा न दिए जाने की भी निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह सीधे तौर पर मानवाधिकारों का उल्लंघन है और ब्रिटेन सरकार को इस दुख की घड़ी में परिवार की भावनाओं को समझना चाहिए।