जालंधर के विवादित अस्पताल मालिक समेत दो डाक्टरों के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज, कोर्ट में करना होगा सरैंडर

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 जालंधर: मरीजों के सही इलाज के लिए कम गलत इलाज के लिए ज्यादा चर्चा में रहने वाले यहां सिविल लाइंस स्थित पटेल अस्पताल संचालक डा. एस.के शर्मा और उनके अस्पताल से जुड़े डाक्टर मनवीर वालिया के खिलाफ महिला की गलत इलाज से मौत होने का मामला चलेगा।

एक आपाराधिक शिकायत का संज्ञान लेते हुए स्थानीय अदालत ने दोनों डाक्टरों को चीमा नगर जालंधर निवासी विश्वामित्र की पत्नी सुनीता शर्मा की इलाज दौरान लापरवाही बरतने से मौत का प्रथम दृष्टतया दोषी पाया है।

माननीय अदालत ने रिटा. बैंक अफसर विश्वामित्र शर्मा की शिकायत के अलावा उपभोक्ता फोरम व कमीशन के पटेल अस्पताल के खिलाफ फैसले को मजबूत आधार मानते हुए दोनों डॉक्टरों एस.के शर्मा और मनवीर वालिया को आईपीसी की धारा 304-ए के तहत आरोपी मानते हुए अगस्त महीने में कोर्ट तलब किया है।

शिकायत में विश्वामित्र ने आरोपी पटेल अस्पताल के डाक्टरों के अलावा में बीते समय में कार्यरत जी.ए.एम.एस डाक्टर ज्योति को भी आरोपी बनाए जाने की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने उसे फिलहाल आरोपी मानने से इंकार कर दिया।

शिकायत पक्ष के वकील कुंवर सूद के मुताबिक पटेल अस्पताल संचालक दोनों डॉक्टरों एस.के शर्मा और मनवीर वालिया को कोर्ट में पेश होने का आदेश जारी किया है। दोनों को अब कोर्ट के समक्ष सरैंडर करना होगा और जमानत हासिल करके ट्रायल फेस करना होगा।

उधर, यह कोर्ट का फैसला उस दौर में आया है, जब इलाज दौरान मरीजों की मौत के मामलों में तेजी से बढ़ौतरी दर्ज हो रही है लेकिन लोग कानून की जानकारी के अभाव और लंबी कानूनी प्रक्रिया के चलते कार्रवाई से हाथ खींचकर खून का घूंट पीकर जी रहे हैं।

बहरहाल, कोर्ट के ताजा फैसले के बाद  केस का रूख कुछ भी हो लेकिन केस ने एक बार तो आरोपी डॉक्टरों और उनके पटेल अस्पताल में मिलने वाली सेवाओं पर सवालियां निशान लगा दिया है। पता चला है कि फैसले की जानकारी मिलते ही आरोपी पक्ष के डॉक्टरों में खलबली मच गई है।

उधर, डॉक्टरों से इस कोर्ट के ताजा फैसले के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश की गई तो उनके स्टाफ के किसी सदस्य ने उनका नंबर देने से साफ इंकार कर दिया। हालांकि उनके पक्ष का भी इंतजार रहेगा या फिर उनकी तरफ से कोर्ट के समक्ष दायर की जाने वाली सफाई को भी आने वाले समय में उनका पक्ष समझकर प्रकाशित किया जाएगा।

         *अब जानिए क्यों कोर्ट पहुंचा मामला*

चीमा नगर जालंधर के रहने वाले रिटायर्ड बैंक अधिकारी विश्वामित्र शर्मा की पत्नी सुनीता शर्मा पेट की मामूली बीमारी के इलाज के लिए 10 से 14.08.2013 को पटेल अस्पताल में भर्ती हुई थी। डिसचार्ज के बाद सेहत बिगड़ी तो 22.08.2013 को दोबारा इलाज के लिए भर्ती करवाना पड़ा और इस दौरान आरोपी डॉक्टर एस.के शर्मा ने उनका आप्रेशन किया। आप्रेशन के बाद हालत में सुधार की बजाय हालत और बिगड़ गई और 25.08.2013 की रात सुनीता शर्मा की मौत हो गई। शिकायत के आधार पर मैडीकल बोर्ड गठित हुआ और बोर्ड ने अपने 07.02.2014 के फैसले मेें पटेल अस्पताल की इलाज में लापरवाही को माना और कार्रवाई की सिफारिश की। इसके बाद विश्वामित्र स्टेट कंज्यूमर कमीशन में गया जहां उनकी शिकायत पर कमीशन ने अपने 28.07.2017 के फैसले में पटेल अस्पताल को इलाज में लापरवाही का दोषी पाया और पीडि़त पक्ष को 26 लाख रुपए मुआवजा अदायगी का आदेश जारी किया। इस आधार पर विश्वामित्र शर्मा ने युवा वकील कुंवर सूद की सेवाओं के जरिए स्थानीय अदालत में आईपीसी की धारा 304-ए रीड विद 463, 465, 467, 478, 120-बी के तहत क्रिमिनल केस दायर किया क्योंकि आरोपी पक्ष ने रिकार्ड में भी काफी छेड़छाड़ करके उसका उपयोग किया था। मगर कोर्ट ने प्रथम दृष्टि में आईपीसी की धारा 304-ए के तहत आरोपी माना। अब देखना शेष होगा कि यह केस आने वाले समय में क्या रूख लेता है।