चंडीगढ़ : पंजाब सरकार राज्य की अनुसूचित जातियों के हितों की रक्षा के लिए वचनबद्ध है। इसके अधीन गीता पत्नी धर्मपाल हाल आबाद आरा मार्किट, क्वार्टर नं: 33, नजदीक लाल कोठी, फरीदकोट और जतिंदर कौर बेटी प्यारा सिंह पत्नी अमनिन्दर सिंह गाँव और डाकख़ाना मंडियाणी ज़िला लुधियाना की निवासी का फर्जी अनुसूचित जाति सर्टीफिकेट सरकार स्तर पर गठित राज्य स्तरीय सकरूटनी समिति की तरफ से रद्द कर दिया गया है।
इस बारे में ज्यादा जानकारी देते सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक मंत्री डा. बलजीत कौर ने बताया कि सिमरजीत कौर पत्नी श्री गुरमेल सिंह ज़िला फरीदकोट की तरफ से सामाजिक न्याय विभाग के पास शिकायत दर्ज करवाई थी कि फरीदकोट निवासी गीता ने जनरल जाति से सम्बन्धित होने के बावजूद भी अनुसूचित जाति का सर्टिफिकेट बनाया है।
इसके इलावा श्रीमती जतिंदर कौर बेटी प्यारा सिंह पत्नी अमनिन्दर सिंह गाँव के डाकख़ाना मंडियाणी ज़िला लुधियाना ने जनरल जाति के साथ सम्बन्धित होने के बावजूद भी अनुसूचित जाति का सर्टीफिकेट बनाया था। उसने स्वंय अपना अनुसूचित जाति का सर्टीफिकेट रद्द करवाने के लिए तहसील दफ़्तर में जमा करवा दिया था और इस सर्टीफिकेट को रद्द करवाने के लिए माननीय अदालत में सिविल रिट्ट पटीशन दायर की गई है। उसने इस सर्टीफिकेट पर कोई लाभ नहीं लिया गया।
मंत्री ने आगे बताया कि सामाजिक न्याय विभाग की तरफ से जांच करने के बाद गीता और जतिंदर कौर के अनुसूचित जाति के सर्टीफिकेट फर्जी होने की पुष्टि हुई है। मंत्री ने बताया कि विभाग ने फ़िरोज़पुर के डिप्टी कमिश्नर को पत्र लिख कर गीता के अनुसूचित जाति सर्टीफिकेट नंबर 1490 तारीख़ 13- 07- 1992 और लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर को पत्र लिख कर जतिंदर कौर के अनुसूचित जाति सर्टीफिकेट लड़ी नंबर 3955513 तारीख़ 18. 08. 2017 को रद्द कर और ज़ब्त करने के लिए कहा है।