हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी: कहा- पंजाब में हर जगह हो रहे धरना-प्रदर्शन, यही हालात रहे तो यहां कोई नहीं आएगा

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याचिका दाखिल करते हुए अराइव सेफ सोसाइटी चंडीगढ़ की ओर से एडवोकेट रवि कमल गुप्ता के माध्यम से बताया गया था कि सिख बंदियों की रिहाई के लिए कौमी इंसाफ मोर्चा ने चंडीगढ़-मोहाली मार्ग को बाधित किया है। इससे पहले प्रदर्शन को खत्म करने के लिए उठाए गए कदमों को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अदालत की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास करार देते हुए फटकार लगाई थी ।

कौमी इंसाफ मोर्चा के प्रदर्शन को समाप्त करने में विफलता पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को पंजाब सरकार को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि कहीं आगामी चुनाव को देखते हुए तो सरकार मौन नहीं है। हर जगह धरने प्रदर्शन हो रहे हैं। पंजाब में यही हालात रहे तो यहां कोई नहीं आएगा। तीन सप्ताह के भीतर लोगों को हटाया जाए वरना हम सख्त आदेश जारी करने को मजबूर हो जाएंगे।

याचिका दाखिल करते हुए अराइव सेफ सोसाइटी चंडीगढ़ की ओर से एडवोकेट रवि कमल गुप्ता के माध्यम से बताया गया था कि सिख बंदियों की रिहाई के लिए कौमी इंसाफ मोर्चा ने चंडीगढ़-मोहाली मार्ग को बाधित किया है। इससे पहले प्रदर्शन को खत्म करने के लिए उठाए गए कदमों को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अदालत की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास करार देते हुए फटकार लगाई थी।

कोर्ट ने कहा था कि सरकार बाधित की गई सड़क को खाली कराने में नाकाम रही है जो न्यायालय के उदार दृष्टिकोण का नतीजा प्रतीत होता है। कोर्ट ने पंजाब के डीजीपी को हाजिर होकर इस मामले में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था। पिछली सुनवाई पर कोर्ट के आदेश के अनुरूप बुधवार को डीजीपी गौरव यादव कोर्ट में हाजिर हुए थे। इसी बीच कौमी इंसाफ मोर्चा की ओर से एडवोकेट नवकिरण पेश हुए और इस मामले में पक्ष बनाने की अपील की।

एडवोकेट नवकिरण ने कहा कि मोर्चा के नेता इस मामले का हल निकालने के पक्ष में हैं लेकिन इसके लिए उन्हें कुछ समय दिया जाए। इस पर पंजाब सरकार ने इस मामले का आपस में हल निकालने के लिए जुलाई तक की मोहलत मांगी थी। कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान कहा कि सरकार चाहे तो बड़े से बड़े प्रदर्शन को रातों-रात समाप्त करवा सकती है लेकिन इसके लिए इच्छा शक्ति जरूरी है जो दिखाई नहीं दे रही है। इतने लंबे समय से लोग धरना लगाए बैठे हैं और सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। क्या पुलिस 200 लोगों को प्रदर्शन स्थल से हटाने की हिम्मत नहीं रखती है। हर जगह अगर ऐसे ही धरने प्रदर्शन होते रहे तो व्यापार प्रभावित होगा।