प्रेस क्लब जालंधर में होसन्ना पंजाबी मिनिस्ट्री और क्रिश्चियन पास्टर्स एसोसिएशन के राजनीतिक विंग के अध्यक्ष पादरी एंथोनी मसीह की अगुआई में प्रेस कॉन्फ्रेंस की गयी। इसमें पंजाब क्रिश्चियन लीडरशिप के अध्यक्ष सुरजीत थापर ने भी भाग लिया। जालंधर प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि मणिपुर में मैतेई और कुकी जनजातियों के बीच झगड़े के कारण वहां हो रहे ईसाइयों की हत्या,चर्च और उसकी संपत्ति को नष्ट करने के लिए जिम्मेदार दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
इसके इलावा उन्होंने यह भी कहा कि जब-जब केंद्र में भाजपा की सरकार आई है, तब-तब भारत का संविधान खतरे में आया है। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने भारत गणराज्य में रहने वाले ईसाइयों के मन में आतंक पैदा किया है। मणिपुर में ईसाईयों पर हमले के दौरान 120 से अधिक लोगों की जान चली गई है, 2,000 के करीब संपत्ति वालों के साथ और 250 से अधिक चर्चों को जबरन जला दिया गया है। इसके इलावा 35,000 से अधिक ईसाई धर्म से संबंध रखने वाले लोगों की मूल संपत्ति को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है और 55,000 से अधिक ईसाई शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन हिंसा से जुड़े हादसों के कारणों से भारत में रहने वाले ईसाइयों के दिलों को गहरी ठेस पहुंची है।
इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संगठन ने राष्ट्रपति से मांग की है कि मणिपुर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाकर कानून व्यवस्था बहाल की जाये और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाये। इसके इलावा उन्होंने यह भी कहा है कि अगर मणिपुर के ईसाई लोगों को न्याय नहीं मिला तो वह आगामी 17 जुलाई को ईसाई समुदाय सड़क पर उतर कर अपना विरोध जताएगा और अगर देश प्रधानमंत्री ने अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी तो आगे भारत बंद का आह्वान भी किया जायेगा।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान होसन्ना पंजाबी मिनिस्ट्री के उपाध्यक्ष पादरी लियाकत मसीह, क्रिश्चियन पादरी एसोसिएशन के अध्यक्ष जसपाल मसीह, यूनाइटेड पीपुल्स लीग के महासचिव जोन मसीह ज़ोनी और उपाध्यक्ष सैमसन गिल, एचपीएम के महासचिव पादरी प्रेम मसीह फोल्डीवाल,सीपीए चेयरमैन पादरी अलीजर मसीह, पादरी हरबंस लाल, पादरी तरसेम कलेर, पादरी सुरिंदर जोहल और अन्य इस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए।