भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के अवसर पर देशवासियों को बधाई

lord-jagannath-chariot-travel

101
0

आज भगवान श्री जगन्नाथ देव की रथ यात्रा उत्सव है और यह एक प्राचीन वैदिक परंपरा है। “जगन्नाथ” का तात्पर्य है “अखिल ब्रह्मांड के भगवान”, जबकि “रथ यात्रा” का अर्थ है “रथ के द्वारा यात्रा”। जो भगवान श्रीचैतन्य की शिक्षाओं का पालन करते हैं, वह प्रत्येक दिन रथ यात्रा का अनुभव करते हैं, क्योंकि वह इस मनुष्य देह को एक रथ के प्रतिरूप में देखते हैं। भगवान ने मनुष्य को अध्यात्मिक साधना में अनुरक्त होने की क्षमता प्रदान की है। हमारा वास्ताविक परिचय आत्मा, भगवान (परमात्मा ) के छोटे छोटे अंश है। किन्तु, भौतिक इच्छाओं के प्रति हमारी आसक्ति के कारण, हम माया देवी की भ्रामक शक्ति द्वारा निरंतर आकर्षित किए जाते हैं। मनुष्य जन्म में, हम सौभाग्यशाली है की आध्यात्मिक उन्नति हेतु यह मानव देह का उपयोग करने का अवसर प्राप्त हुआ है। हरे कृष्ण महामंत्र, भगवान की ओर, रस्सी खींचने के कार्य को दर्शाता है। प्रतिदिन हम अपनी जाप माला पर हरे कृष्ण महामंत्र का जितनी अधिक निष्ठा से जप करेंगे, हम भगवान के उतने ही निकट होते जायेंगे। इसे ध्यान में रखते हुए, भगवान श्रीचैतन्य ने हरिनाम के नित्य जप को महत्त्व दिया (कीर्तनिया सदा हरि), हमें भगवत प्राप्ति के लिए प्रोत्साहित किया।