अमृतपाल के हैंडलर की ब्लड कैंसर से मौत:UK में भारतीय दूतावास पर तिरंगे का अपमान किया था, KLF की लंदन यूनिट का हेड था

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वारिस पंजाब दे मुखी अमृतपाल सिंह का हेंडलर और UK में भारतीय दूतावास पर तिरंगे का अपमान करने वाला आतंकी अवतार सिंह खांडा लंदन के अस्पताल में मारा गया। उसे बीते दिन ही लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। उसे ब्लड कैंसर था और यह कैंसर की पहली स्टेज थी। जिसके कारण उसके शरीर में जहर फैल गया था। तबीयत बिगड़ने के बाद अब उसे अस्पताल में दाखिल करवाया गया था।

UK में बीते कुछ समय से खालिस्तान की उठ रही आवाज आतंकी अवतार सिंह खांडा की ही देन है। कुछ समय में खांडा काफी अधिक एक्टिव हुआ। खांडा खास तौर पर खालिस्तान लिबरेशन फोर्स की लंदन इकाई का प्रमुख है और KLF के आतंकवादी कुलवंत सिंह खुखराना का बेटा है।

आतंकी खांडा ने बीते कुछ समय में खालिस्तान के लिए आवाज उठाने वाले प्रतिबंधित संगठनों को एक करने का भी प्रयास किया। इतना ही नहीं, अमृतपाल सिंह को ट्रेंड करने व पंजाब भेजने के लिए खांडा ने सिख फॉर जस्टिस के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू से भी हाथ मिलाया।

वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह का हेंडलर अवतार सिंह खांडा ही था। जब पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई शुरू की तो 37 दिन आतंकी खांडा ही उसे बचाता रहा। खांडा ने इसके लिए अपने स्लीपर सेल्स की मदद ली।

विदेश में रहकर खालिस्तान मूवमेंट चलाने वाले अवतार सिंह खांडा ने भारतीय हाई कमीशन पर लगे तिरंगे का अपमान किया था। वहीं बीते दिनों NIA की जांच में भी स्पष्ट हुआ था कि यह खांडा ही अमृतपाल सिंह का हैंडलर भी रहा है।

सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि अवतार सिंह खांडा टॉप खालिस्तानी आतंकी जगतार सिंह तारा और परमजीत सिंह पम्मा का बेहद करीबी है। दरअसल, पम्मा खालिस्तान टाइगर फोर्स का एक्टिव सदस्य है और NIA की लिस्ट में वह मोस्ट वांटेड आतंकी है।

अवतार सिंह खांडा पंजाब के मोगा जिले का रहने वाला था। 1988 में रोडे गांव स्थित भिंडरावाले के घर में खांडा का जन्म हुआ। पिता का नाम खालिस्तानी मूवमेंट से जुड़े होने की वजह से अवतार के घर पर अकसर सुरक्षा एजेंसी पूछताछ के लिए आती रहती थी। इसी वजह से उसका परिवार पंजाब में कभी पटियाला, कभी लुधियाना तो कभी मोगा शिफ्ट होता रहा।

1988 में खांडा के चाचा बलवंत सिंह खुकराना को सुरक्षा बलों ने एक एनकाउंटर में मार गिराया था। खांडा के पैदा होने के 3 साल बाद ही 3 मार्च 1991 को उसके पिता कुलवंत सिंह खुकराना का भी सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर कर दिया।

अवतार के पिता और चाचा दोनों ही खालिस्तानी फोर्स के एक्टिव मेंबर थे। अवतार के मामा गुरजंत सिंह बुधसिंहवाला खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का प्रमुख था। 22 साल की उम्र में खांडा पढ़ाई के लिए ब्रिटेन गया। यहां वह खालिस्तानियों से संपर्क में आया और फिर खालिस्तानी मूवमेंट का एक्टिव मेंबर बन गया।

इसके बाद अवतार सिंह खांडा अकाली दल  संगठन से जुड़ गया। इस संगठन से जुड़ने के कुछ दिनों बाद ही वह संगठन के यूथ विंग का उपाध्यक्ष बन गया। 2015 में भारत ने ब्रिटिश सरकार को भारत विरोधी कुछ लोगों के नाम सौंपे थे। इनमें अवतार सिंह खांडा का नाम भी शामिल था। भारत ने खांडा को देशद्रोही बताते हुए कहा था कि वह कट्टरपंथी संगठन से जुड़ कर युवाओं को उग्रवाद की ट्रेनिंग दे रहा है।