Canada से डिपोर्ट हो सकते हैं 700 भारतीय स्टूडेंट्स, जाली पाए गए दस्तावेज; वीजा एजेंट हुआ फरार

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Canada Students Deport एसोसिएशन ऑफ कंसल्टेंट फॉर स्टडीज एसोसिएशन के सदस्य सुखविंदर नंद्रा ने कहा कि ब्रजेश मिश्रा एसोसिएशन का सदस्य नहीं था। एसोसिएशन को इस एजेंट की जानकारी नहीं थी। विद्यार्थियों के साथ पूरी तरह से धोखा हुआ है।

जालंधर, कमल किशोर। कनाडा में स्टडी वीजा पर गए विद्यार्थियों के दस्तावेज जाली पाए जाने पर डिपोर्ट किए जाने का बड़े स्तर पर विरोध शुरू हो चुका है। भारत के करीब 700 विद्यार्थियों पर स्वदेश वापसी का खतरा मंडरा रहा है। विद्यार्थियों ने कनाडा के शहर मिसिसागा में प्रदर्शन शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि उनका क्या कसूर है, धोखाधड़ी तो एजेंटों ने की है।

इनमें से अधिकतर विद्यार्थियों ने जालंधर के बस स्टैंड स्थित एजुकेशन माइग्रेशन सर्विस सेंटर के संचालक ब्रजेश मिश्रा से वीजा लगाया था। इसके बाद से संचालक भूमिगत हो गया है। फिलहाल, किसी भी अभिभावक ने संचालक के खिलाफ पुलिस को शिकायत नहीं दी है। पुलिस पिछले तीन महीने से शिकायत का इंतजार कर रही है।

बता दें कि मार्च में यह मामला उठा था। तब कनाडा की सीमा सुरक्षा एजेंसी की ओर से 700 भारतीय विद्यार्थियों के डिपोर्ट किए जाने का पत्र जारी हुआ था। इससे अभिभावकों में हड़कंप मच गया था। तब यह मामला जिला प्रशासन के पास आया था। प्रशासन ने नोटिस जारी कर ब्रजेश मिश्रा का बुलाया था, लेकिन वह नहीं आया। इसके बाद उसके एजुकेशन माइग्रेशन सर्विस सेंटर का लाइसेंस रद कर दिया गया था।

एसोसिएशन ऑफ कंसल्टेंट फॉर स्टडीज एसोसिएशन के सदस्य सुखविंदर नंद्रा ने कहा कि ब्रजेश मिश्रा एसोसिएशन का सदस्य नहीं था। एसोसिएशन को इस एजेंट की जानकारी नहीं थी। विद्यार्थियों के साथ धोखा हुआ है। एजेंट ने विद्यार्थियों को हंबर कॉलेज में दाखिला नहीं दिलवाया। विद्यार्थियों की ईमेल के बजाय एजेंट ने खुद की ईमेल आईडी दी हुई थी। इस कारण विद्यार्थी को दाखिला संबंधित जानकारी नहीं मिल रही थी।

हालांकि, एजेंट विद्यार्थियों को फोन करके कहता था कि कॉलेज की सीटें फुल हैं। किसी अन्य कॉलेज में दाखिल करवा देते हैं। एजेंट ने कुछ विद्यार्थियों के पैसे लौटा भी दिए थे। विद्यार्थियों को जिस कॉलेज में दाखिल करवाया गया वह अंतरराष्ट्रीय स्टडीज के नियम पूरे नहीं करता था। इससे विद्यार्थियों का कनाडा में सेटल होने का सपना तो टूटा ही, साथ ही लाखों रुपये भी बर्बाद हो गए। एजेंट ने कनाडा में दाखिला दिलाने के लिए प्रति विद्यार्थी 16 से 20 लाख रुपये लिए थे।

पुलिस कमिश्नर कुलदीप चाहल ने कहा कि मामला ध्यान में है। किसी भी विद्यार्थी के पारिवारिक सदस्यों ने ब्रजेश मिश्रा के खिलाफ शिकायत नहीं दी है। शिकायत मिलने पर बनती कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि उक्त संचालक विदेश न भाग जाए, इसलिए उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी की जाएगा।