AAP ने 209 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. चुनाव आयोग के मुताबिक, AAP को 1 फीसदी से भी कम (0.58%) वोट शेयर प्राप्त हुआ जो NOTA के वोट प्रतिशत (0.69%) से भी कम है. पार्टी को महज 2.25 लाख वोट मिले. इसी के साथ आम आदमी पार्टी के सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई.
शीर्ष नेताओं ने नहीं किया था प्रचार चुनाव से पहले ‘आप’ के शीर्ष नेताओं ने कर्नाटक में प्रचार नहीं किया था, माना जा रहा है कि यह भी राज्य में पार्टी के मौजूदा प्रदर्शन के पीछे की एक वजह है. 7 मई को AAP की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष पृथ्वी रेड्डी ने चुनाव में पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल कमी महसूस करने के बारे में बताया था. उन्होंने कहा था कि केजरीवाल की प्राथमिक जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना है कि जालन्धर उपचुनाव जीतना ज्यादा जरूरी था और क्योंकि पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं को केंद्रीय एजेंसियों ने गिरफ्तार किया है इसलिए अपना दबाव बनाने के लिए आम आदमी पार्टी को जालन्धर उपचुनाव जीतना ज्यादा जरूरी था